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चिडावा। शहर की कॉलेज रोड पर पोद्दार पार्क स्थित सनातन आश्रम में चल रही 15 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दसवें दिन कथाव्यास वाणिभूषण पंडित प्रभुशरण तिवाड़ी ने चीरहरण की लीला का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि चीर हरण की लीला माया से मुक्ति की लीला है। माया रूपी वस्त्रों का जब भगवान हरण कर लेते हैं तभी भक्ति जागृत होती है और भक्त ईश्वर से एकाकार हो जाता है। इसके बाद ही संसार से मुक्ति होती है।
कथा के प्रारंभ में यजमान कस्तूरचंद फतेहपुरिया परिवार के रवि गुप्ता ने सपत्नीक भागवत, व्यास और शुकदेव पूजन किया। कथा के दौरान कथाव्यास तिवाड़ी ने महारास की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि महारास की लीला संसार में निस्वार्थ प्रेम का संदेश देती है। श्री कृष्ण और गोपियों की जो महारास लीला है वह शरीर से ऊपर उठकर श्रद्धा प्रेम से भरी आत्मा और परमात्मा की लीला है। इस मौके पर राजू भगत, नरेश शास्त्री, शिवकुमार योगी, श्याम राणा आदि ने बड़े ही मनमोहक भजनों से सभी श्रद्धालुओं को झूमने को मजबूर कर दिया। सुरेश शेखावत के निर्देशन में प्रस्तुत भगवान श्री कृष्ण-बलराम की झांकी ने सभी का मन मोह लिया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिला पुरुष मौजूद रहे।
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