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राज्य नेताओं पर पंचायत चुनाव का जिम्मा, BJP के केंद्रीय नेताओं ने बनाई दूरी

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कोलकाता. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है. नामांकन को लेकर राज्य भर में हिंसा और झड़प की खबरें आ रही हैं. तृणमूल कांग्रेस ने पंचायत चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. भाजपा, कांग्रेस और माकपा भी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पंचायत चुनाव से पूरी तरह से दूरी बनाने का फैसला किया है. भाजपा के राज्य नेतृत्व के हाथों में चुनाव की पूरी कमान सौंप दी गई है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अखिल भारतीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के भी पंचायत चुनाव खत्म होने तक राज्य का दौरा करने की संभावना नहीं है. भाजपा शीर्ष नेतृत्व का फैसला है कि बंगाल भाजपा के नेता ग्रामीण बंगाल के वोटों के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगे. कोई अन्य शीर्ष नेता, अन्य राज्यों के नेता या केंद्रीय मंत्री पंचायत चुनाव अभियान में भाग नहीं लेंगे. मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर बंगाल में जो कार्यक्रम हाथ में लिये गए थे. वह भी जुलाई मध्य तक स्थगित रहेगा. फिलहाल फोकस सिर्फ पंचायत चुनाव पर है.

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भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने पंचायत चुनाव से बनाई दूरी

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मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने को लेकर इस दौरान केंद्र ने कुछ क्षेत्रों में क्या सफलता हासिल की है, इसे उजागर करने के लिए भाजपा ने पूरे देश में प्रचार अभियान चलाया है. इस राज्य में भी बीजेपी को जून, जुलाई और अगस्त में 1,000 संगठनात्मक मंडलों में बैठकें करनी थीं. यानी तीन महीने में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम तीन बैठकें होनी थी. अकेले जून में ही 294 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक बैठक होनी थी, लेकिन पंचायत चुनाव घोषित होने के कारण इसे फिलहाल के लिए स्थगित किया गया है. राज्य में जून में मोदी, शाह और नड्डा की मौजूदगी में तीन सभाएं होनी थीं. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बहुत पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पंचायत चुनाव प्रदेश के नेताओं की लड़ाई है. हाल ही में अमित शाह और जेपी नड्डा राज्य आए थे, लेकिन पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर कुछ नहीं बोले. पूरे देश के साथ-साथ उनकी निगाहें अब बंगाल में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर हैं.

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लोकससभा चुनाव के पहले बंगाल भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत

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हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और अखिल भारतीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष अपने जिलों के बाहर प्रचार करेंगे. वहीं, गेरुआ शिबिर ने तय किया है कि क्षेत्र के नेताओं या विधायकों को उनके ही जिलों में प्रचार या सांगठनिक गतिविधियों की जिम्मेदारी दी जाएगी. इस बीच, बंगाल भाजपा ने चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है. बंगाल भाजपा की ओर से लगातार तृणमूल कांग्रेस पर दवाब बनाया जा रहा है. नामांकन के दौरान हिंसा को लेकर भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. भाजपा ने निष्पक्ष चुनाव की मांग को लेकर राज्यपाल से लेकर राज्य चुनाव आयोग तक फरियाद की है और शिकायतों को लेकर टोल फ्री नंबर तक जारी किया है, ताकि हिंसा के शिकार कार्यकर्ता फोन कर सकें.

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