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जयपुर में देर रात एक महिला अपनी चार साल की बेटी की हत्या कर खुद फंदे पर लटक गई। वहीं, दो साल की बच्ची भी फंदे पर लटकी मिली। उसे समय रहते बचा लिया गया। घटना कालवाड़ थाना इलाके की है। पुलिस और एफएसएल की टीम ने शवों को कांवटिया अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। कालवाड़ थाना सीआई रविन्द्र प्रताप सिंह ने बताया- मंगलवार रात 9 बजे पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि निठरवालों की ढाणी के रामला का बांस गांव में एक महिला ने बच्चों के साथ सुसाइड कर लिया है। मौके पर सुनीता देवी (30) पत्नी मुकेश निठरवाल और उसमा (4) मृत मिले। साथ ही बेटी तविशा (2) जिंदा मिली। एफएसएल की टीम को मौके पर बुलाया गया। एफएसएल की जांच होने के बाद शवों को कांवटिया अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया। मृतक सुनीता के माता-पिता की ओर से कालवाड़ थाने में ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और हत्या करने की रिपोर्ट दी गई है। पुलिस ने मुकेश निठरवाल सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
तीनों फंदे पर लटके थे
महिला के पति मुकेश निठारवाल ने पुलिस को बताया कि रात को पत्नी बच्चियों को लेकर एक कमरे में घुसी। रात करीब 8 बजे कमरे से बच्चियों के रोने की आवाज आई। जब काफी देर तक कमरा नहीं खुला तो परिवार के अन्य सदस्यों ने मिल कर दरवाजा तोड़ दिया। देखा तो सुनीता, उसमा और तविशा तीनों अलग-अलग फंदे से लटकी मिलीं। तवीशा फंदे पर लटकी रो रही थी। तवीशा के गले में फंदा सही से नहीं लगा था। उसका हाथ भी फंसा हुआ था, इसलिए बच गई। उसे नीचे उतारा। साढ़े 8 बजे पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। रात 9 बजे पुलिस ने एफएसएल को घटना की जानकारी देकर मौके पर बुलाया। टीम ने रात 10 बजे मौके से सबूत एकत्रित किए।
पहले बड़ी बेटी को फंदे पर लटकाया
जानकारी अनुसार, मां ने सबसे पहले उसमा को फंदे से लटका कर उसकी हत्या की। फिर तविशा को लटका कर खुद फंदे से लटक गई। तब तक सुनीता का पति कमरे का दरवाजा तोड़ कर अंदर घुस गया था।
2018 में हुई थी शादी
पुलिस ने बताया- सुनीता और मुकेश की शादी साल 2018 में हुई थी। मुकेश टैक्सी चलाने का काम करता है। इन दोनों की दो बेटियां हैं। सुनीता के परिजनों का आरोप है कि पिछले कई सालों से मुकेश और उनके परिवार को लोग दहेज के लिए बेटी को प्रताड़ित और मारपीट किया करते थे। इस संबंध में कई बार दोनों परिवारों के बीच बातचीत भी हुई। उसके बाद भी आए दिन बेटी पति की शिकायत करती थी। इन सभी प्रताड़ना से परेशान होकर सुनीता ने बच्चियों के साथ आत्महत्या की।