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शिया उलेमाओं की बैठक में फैसला- UCC का करेंगे विरोध, मौलाना बोले- हम एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे

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नई दिल्ली: यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर शनिवार को शिया उलेमा सम्मेलन आयोजित किया गया. शिया मौलाना और बुद्धिजीवियों की इस बैठक में फैसला लिया गया कि UCC मामले में जो राय ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की है वो ही राय शिया समुदाय की भी है. यानी बैठक में फैसला निकल कर आया है कि शिया समुदाय UCC का विरोध करता है. इस बाबत शिया समुदाय की तरफ से मेमोरेंडम सरकार को आज ही भेज दिया जाएगा. बैठक में कहा गया कि UCC गैर जरूरी है और इसे लागू न किया जाए. बैठक के आयोजक मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने घोषणा की कि आज ही बैठक का मेमोरंडम सरकार को भेजा जाएगा. हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी शिया मौलानाओं और बुद्धिजीवियों ने UCC का विरोध ही किया है. कुछ ने इसको लेकर शिया समुदाय के फैसले का भी विरोध किया है. इन्हीं में से एक हैं उलेमा फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना कौकव मुज्तबा. उन्होंने कहा कि बैठक में मौजूद किसी को भी UCC के बारे में कुछ भी पता नहीं है. बगैर पढ़े लोगों ने अपनी बात कही है. अगर UCC भारत की जनता के लिए सही है तो हम इसका समर्थन करेंगे, अगर इससे किसी धर्म को ठेस पहुंचती है तो पीएम से आग्रह करेंगे कि इसे ठीक करें. मौलाना कौकव का कहना है कि जब किसी ने पढ़ा ही नहीं है तो उसको लागू करने न करने का सवाल कहां से आता है. उन्होंने आगे कहा कि CAA, NRC को लेकर भी ऐसा ही कहा गया था. यहां राजनीति हो रही है. अभी कानून बना नहीं और शोर होने लगा है.

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हम एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे’

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वहीं शिया उलेमा सम्मेलन के आयोजक मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि अभी ड्राफ्ट ही नहीं आया है. UCC की जरूरत ही नहीं है, संविधान इतना मजबूत है उसमें किसी बदलाव की जरूरत क्या है? संविधान में आर्टिकल 25 से 30 के बीच साफ कहा गया है कि भारत मे रहने वाला हर इंसान अपने धर्म के अनुसार जीने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन ये मुसलमानों के ऊपर थोपा जा रहा है. इसी दौरान नकवी ने कहा कि शायद इस कानून के लागू होने पर हम एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे.

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सरकार के पास जाएंगे तो निकलेगा समाधान

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नकवी बैठक से पहले ही UCC के विरोधी माने जा रहे थे. उन्होंने बैठक से पहले कहा था कि आज इस कानून की जरूरत नहीं है और इसी लिए हमें ये बैठक करनी पड़ रही है. उनका कहना था कि कई राज्यों ने इसका विरोध किया है. इसका विरोध करने वाले सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि अन्य समुदायों से भी हैं. वहीं उलेमा फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना कौकव का मानना है कि किसी भी मामले में अगर हम अपनी बात लेकर सरकार के पास जाएंगे तो उसका समाधान भी निकलेगा. सरकार हमारे लिए काला चश्मा लगाकर नहीं बैठी है. सरकार के पास जब हम जाएंगे तो वो हमारी बात मानेंगे किसी और की नहीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि शिया समुदाय के उलेमा जब भी सरकार के पास जाएं तो अकेले नहीं जाएं, सबको साथ लेकर जाएं.

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