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BJP का गढ़ मानी जाती है हवा महल सीट, पिछली बार कांग्रेस के हाथों मिली थी हार

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राजस्थान की राजनीति में राजधानी जयपुर की अपनी अलग ही पहचान है. जयपुर जिले की हवा महल विधानसभा सीट प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट में गिनी जाती है. हवा महल सीट से विधायक महेश जोशी राज्य सरकार में मंत्री विधायक हैं. दुनिया भर में मशहूर हवा महल सीट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए बेहद खास सीट मानी जाती है हवा महल विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोटर्स की भी अच्छी खासी संख्या हैं. यहां से जीत हमेशा ब्राह्मण प्रत्याशी को मिलती है. यहां पर लगातार कई बार भारतीय जनता पार्टी का भी कब्जा रहा था लेकिन पिछली बार महज कुछ वोटों से कांग्रेस के विधायक महेश जोशी ने जीत हासिल की थी. राजस्थान में अभी राजनीतिक सरगर्मी काफी तेज हो गई है. कुछ महीनों के अंदर ही यहां पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. राजस्थान की राजधानी जयपुर गुलाबी नगरी के नाम से विख्यात है और 8 विधानसभा सीटों वाले जयपुर की 4 विधानसभा सीटों को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है.

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कितने वोटर, कितनी आबादी

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2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो तब चुनाव मैदान में 19 उम्मीदवारों ने अपनी चुनौती पेश की थी, लेकिन मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही रहा था. बीजेपी के सुरेंद्र पारीक को 76,192 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस के डॉक्टर महेश जोशी के खाते में 85,474 वोट आए. जोशी ने 9,282 मतों के अंतर से यह मुकाबला जीत लिया. तब के चुनाव में हवा महल सीट पर कुल 2,31,997 वोटर्स थे जिसमें 1,24,311 पुरुष वोटर्स तो महिला वोटर्स की संख्या 1,07,684 थी. इसमें कुल 1,68,870 (73.1%) वोट पड़े. NOTA के खाते में 796 (0.3%) वोट आए थे. फिलहाल हवा महल सीट पर कुल 2,48,265 वोटर्स हैं.

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कैसा रहा राजनीतिक इतिहास

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हवा महल सीट पर सबसे ज्यादा कब्जा भारतीय जनता पार्टी का रहा. यहां से भंवरलाल शर्मा छह बार विधायक रहे जो इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा बार विधायक रहने का रिकॉर्ड है. भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें मंत्री पद का भी तोहफा दिया जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने बखूबी निभाई. भंवर लाल एक बार जनता पार्टी तो शेष 5 बार बीजेपी के टिकट से चुने गए थे.

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फिर 2003 के चुनाव में बीजेपी के सुरेंद्र पारीक को भी इस सीट पर जीत मिली. लेकिन 2008 के चुनाव में बीजेपी की जीत का रथ थम गया और कांग्रेस के ब्रज किशोर शर्मा ने जीत हासिल कर ली. हालांकि 2013 में हवा महल सीट पर फिर से जीत हासिल करते हुए BJP के सुरेंद्र पारीक ने जीत हासिल की तो 2018 में महज 9,282 वोटों से महेश जोशी ने पारीक को शिकस्त दे दी.

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सामाजिक-आर्थिक ताना बाना

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हवा महल सीट पार भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से दोनों के लिए ही मैदान में ब्राह्मण बिरादरी के उम्मीदवार को उतारना बेहद सुरक्षित रहता है क्योंकि 90 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं तो वहीं ब्राह्मण वोटर की संख्या भी बहुत अधिक है. इस स्टेज पर इतने मुस्लिम वोटर्स होने के बाद भी आज तक कोई भी मुस्लिम कैंडिडेट चुनाव नहीं जीत पाया है.घनी आबादी वाला क्षेत्र हवा महल एक विश्व प्रसिद्ध स्थान है. यहां पर ट्रैफिक व्यवस्था के अलावा वायु प्रदूषण और पानी की समस्या अहम समस्याएं हैं. वर्तमान में महेश जोशी कांग्रेस सरकार में भूजल मंत्री हैं, लेकिन कब्रिस्तान का मुद्दा बहुत बड़ा हो गया जिसे लेकर विधायक के लेकर लोगों में खासी नाराजगी देखी जा सकती है.

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