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रूस में न्यूक्लियर फोर्स को किया गया अलर्ट, NATO से हिसाब चुकता करेंगे पुतिन!

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रूस के परमाणु हथियारों का भंडार और रूस की जमीन पर एक भी धमाके की सूरत में न्यूक्लियर हथियारों की प्रहार की धमकी की वजह से ही यूक्रेन को लंबे वक्त तक नाटो से लंबी दूरी वाले हथियार नहीं मिले. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने वर्ल्ड वॉर की आशंका की वजह से ही हथियारों की सप्लाई बहुत सोच समझ की थी, लेकिन अब हद पार हो चुकी है. यूक्रेन हर दिन रूस में हमले कर रहा है. सेवस्तोपोल में जितना बड़ा हमला हुआ है उसके बाद नाटो देशों को रूस के बड़े हमले का डर है. रूस में न्यूक्लियर फोर्स को जंग के लिए तैयार रहने को कहा गया है. इसलिए आशंका है कि अब पुतिन यूक्रेन नहीं बल्कि नाटो से हिसाब चुकता करेंगे. इस बीच गुरुवार से ही रूस ने अपनी एटमी फोर्स को एक्टिव कर दिया है, जो लगातार प्रैक्टिस कर रही है. ये प्रैक्टिस YARS मिसाइल से की जा रही है. रूस की यार्स मिसाइल बेहद ज्यादा ताकतवर और घातक है. YARS मिसाइल एक बार में 300 से 500 किलोटन के 3 से 6 वॉरहेड को उठा सकती है. वहीं पेलोड कम हो तो 150 किलोटन के 6 से 9 वॉरहेड ढो सकती है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 1100 से 1200 किलोमीटर है और इस दूरी को मिसाइल 24,500 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तय कर सकती है. ये मिसाइल पारंपरिक के साथ न्यूक्लियर वॉरहेड के लिए विकसित की गई है. न्यूक्लियर हमले की शुरुआत यूक्रेन से होगी या फिर किसी यूरोपीय देश से अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन बेलारूस में जो चल रहा है उससे अंदाजा यही होता है कि अब वॉर फाइनल स्टेज में पहुंचने वाली है. पुतिन कीव पर कब्जा करेंगे और जो अड़ंगा लगाएगा उसे सबक सिखाने के लिए परमाणु सेना तैयार रहेगी. शुक्रवार से बेलारूस में युद्धाभ्यास की शुरुआत हुई. बेलारूस की आर्मी MLRS और टैंक से हमले का अभ्यास कर रही है. माना जा रहा है कि ये बेलारूस से कीव पर हमले के प्लान का पहला कदम है.

कीव पर कब्जे का मिशन बेलारूस से हो सकता है शुरू

बेलारूस की तरफ से युद्धाभ्यास को लेकर कई तरह की सफाई दी गई है और इसे रूटीन एक्सरसाइज कहा जा रहा है, लेकिन मकसद पिछले दिनों जाहिर हो गया था. पुतिन ने किम से हथियारों की डील करने के फौरन बाद बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको से मुलाकात की थी. तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि अब कीव पर कब्जे का मिशन बेलारूस से शुरू हो सकता है. क्रीमिया पर हमलों के बाद इतनी बेचैनी है कि रूस की तरफ से 1 वीडियो जारी किया गया है. रूस की तरफ जारी किए गए इस वीडियो में रूस की सेना की कामयाबी का बखान है. रूस के तमाम बड़े हमलों के वीडियो का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा मैप से बताया गया है कि यूक्रेन को रूस ने पिछले दिनों कितना बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है. जिक्र क्रीमिया का है. क्रीमिया पर ड्रोन अटैक को नाकाम बताया गया है. वीडियो का अंत 22 सितंबर से किया गया है, जिसमें बताया गया है कि यूक्रेन ने किस तरह से सेवस्तोपोल पर हमला किया.

रूस की साख पर उठ रहे हैं सवाल

नाटो की मदद से यूक्रेन ने क्रीमिया में जितना बड़ा हमला किया उससे रूस की साख पर भी सवाल उठ रहे हैं इसलिए फौरन एक वीडियो जारी किया गया ताकि रूस की कामयाबी दुनिया तक पहुंच सके, लेकिन दुनिया जानती है कि पुतिन अब इसका बदला जरूर लेंगे और वो बदला कितना बड़ा होगा इसका अंदाजा लगाया जा रहा है. क्रीमिया के भीतर होने वाले हर हमले के बाद रूस ने यूक्रेन पर कहर बरपाया है. कर्च ब्रिज पर हमले के बाद यूक्रेन पर मिसाइलों की बरसात कर दी गई थी, लेकिन इस बार रूस का नुकसान बहुत बड़ा है इसलिए पलटवार भी उतना ही घातक होने वाला है. रूस बदले की प्लानिंग कर रहा है तो दूसरी तरफ अमेरिका-रूस के भीतर और ज्यादा धमाके का इंतजाम कर रहा है, अमेरिका जल्द यूक्रेन को आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम की सप्लाई करेगा. एक साल पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने यूक्रेन को ATACMS यानी आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम देने से इनकार कर दिया था. अमेरिका को डर था कि मिसाइल से यूक्रेन रूस के शहरों पर प्रहार करेगा और फिर रूस यूक्रेन के खिलाफ घातक हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.

ATACMS अमेरिका की टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल

ये मिसाइल अमेरिकी सेना की बहुत बड़ी ताकत है. स्टॉर्म शैडो मिसाइल को फायर करने के लिए यूक्रेन के फाइटर जेट्स को टेक ऑफ करना पड़ता है, लेकिन अमेरिकी ATACMS को ट्रक से जमीन पर कहीं भी ले जाया जा सकता है और रूस की जमीन को दहलाया जा सकता है. ATACMS अमेरिका की टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल है. ATACMS को M270 मल्टिपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम से फायर किया जा सकता है. मिसाइल की रेंज करीब 300 किलोमीटर है. इसे US की लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन ने तैयार किया है. मिसाइल सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है. रूस की सीमा के बेहद करीब ये अमेरिका F-35 लड़ाकू विमान की लैंडिंग है. फिनलैंड के एक हाईवे पर अमेरिकी लड़ाकू विमानों की लैंडिंग रूस के लिए चेतावनी मानी जा रही है. अमेरिका ने जता दिया है कि रूस या बेलारूस से आस पास के किसी भी छोटे देश पर अटैक हुआ तो अमेरिका तुरंत एक्शन में आ जाएगा. फिलहाल नाटो और रूस दोनों आर-पार के मूड में हैं और यही तनाव एक महाजंग की वजह बन सकता है.

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