Report Times
latestOtherकरियरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदेशविदेशसेनास्पेशल

हमास या महमूद अब्बास, फिलिस्तीन में असली सरकार कौन? कैसे बनते हैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति?

REPORT TIMES 

Advertisement

इजराइल-हमास के बीच छह दिनों से जंग चल रही है. हमास एक हथियारबंद संगठन है और गाजा पट्टी में इनका शासन चलता है. इजराइल की विस्तारवादी नीति को काउंटर करने के नजरिए से इसकी शुरुआत की गई थी. हमास के हमले का खामियाजा अक्सर गाजा के आम लोगों को भुगतना पड़ता है. इजराइल खासतौर पर गाजा पट्टी को ही निशाने पर लेता है और युद्ध नियमों का उल्लंघन करते हुए आम लोगों पर बमबारी करता है. हमास के ईर्द-गिर्द कुछ भ्रम हैं, जो आज हम यहां आपको बताएंगे…

Advertisement

Advertisement
  1. हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर ताबड़तोड़ 5000 रॉकेट दागे थे. इस दिन इजराइल में यहूदी समुदाय के लोग त्यौहार का जश्न मना रहे थे. लड़ाकों ने सीमावर्ती इलाके में घुसकर आम नागरिकों पर हमला किया. इसके बाद लगातार रॉकेट हमले किए. खबर लिखे जाने तक इजराइल में कम से कम 1200 लोग मारे गए हैं.
  2. हमास अटैक के जवाब में गाजा में 1100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. फिलिस्तीन सरकार ने हालांकि, हमास के हमले की साफतौर से निंदा नहीं की है लेकिन फिलिस्तीन शासन इस संगठन को चरमपंथी संगठन मानता है.
  3. हमास गाजा पट्टी में शासन करता है, जबकि पूरे देश पर फिलिस्तीन अथॉरिटी (पीए) का शासन है. पीए को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलिस्तीनी क्षेत्रों में गवर्निंग बॉडी के रूप में मान्यता हासिल है, जिसमें वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी दोनों शामिल हैं. पीए का नेतृत्व फिलिस्तीनी राष्ट्रपति करते हैं और इसकी एक विधायी संस्था है जिसे फिलिस्तीनी विधान परिषद कहा जाता है.
  4. फिलिस्तीन में दो बड़ी राजनीतिक पार्टियां हैं, जिनमें एक हमास और दूसरा फतह है. हमास एक हथियारबंद संगठन है और 2007 से हमास गाजा पट्टी में शासन कर रहा है. इस दौरान हमास और फतह में हिंसक टकराव भी देखे गए थे. वहीं फतह की अगुवाई वाले फिलिस्तीन अथॉरिटी का वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और यरुशलम में शासन चलता है, जिसे अंतरर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल है.
  5. हमास को अमेरिका और इजराइल सहित कई देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. इनका सिर्फ गाजा पट्टी में शासन है और इजराइल के साथ हमेशा टकराव की स्थिति में होते हैं. वहीं फिलिस्तीन अथॉरिटी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करता है.
  6. फिलिस्तीन में राजनीतिक व्यवस्था फिलिस्तीनी अथॉरिटी के तहत चलती है. फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) और इजराइल के बीच ओस्लो समझौते के बाद 1994 में पीए को एक इंटेरिम एडमिनिस्ट्रेटिव बॉडी के रूप में स्थापित किया गया था.
  7. मसलन, फिलिस्तीन अथॉरिटी का राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है. राष्ट्रपति का चुनाव वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और पूर्वी यरुशलम में लोकतांत्रिक रूप से चुना जाता है. मौजूदा राष्ट्रपति महमूद अब्बास हैं. वह 2005 से फिलिस्तीन अथॉरिटी की अगुवाई कर रहे हैं. राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है, जो सरकार बनाने के लिए जिम्मेदार होता है. पीएम की नियुक्ति राष्ट्रपति के मन मुताबिक होता है. इसके लिए संसद के अप्रूवल की जरूरत होती है.
  8. फिलिस्तीनी विधान परिषद को फिलिस्तीन का संसद कहा जाता है. यह एक सदनीय विधायिका है जिसमें 132 सदस्य हैं. पीएलसी सदस्य सीधे वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और पूर्वी यरुशलम में रहने वाली फिलिस्तीनी आबादी द्वारा चुने जाते हैं. विधान परिषद कानून बनाने, सरकार के कार्यों की जांच करने और बजट को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार है.
  9. राष्ट्रपति अब्बास के नेतृत्व वाली फतह को फिलिस्तीनी प्राधिकरण की सत्तारूढ़ पार्टी माना जाता है और पीएलसी में अधिकांश सीटें उनके पास हैं. हमास, एक इस्लामी राजनीतिक और सैन्य संगठन, गाजा पट्टी को नियंत्रित करता है और फिलिस्तीनी राजनीति में इसकी महत्वपूर्ण मौजूदगी है.
  10. ओस्लो समझौते के मुताबिक, फिलिस्तीनी क्षेत्रों को तीन हिस्सों क्षेत्र ए, बी और सी में विभाजित किया गया है. क्षेत्र ए पूरी तरह से फिलिस्तीन के कब्जे में है, क्षेत्र बी पर संयुक्त रूप से इजराइल और फिलिस्तीन का शासन चलता है और क्षेत्री सी, जो सबसे बड़ा क्षेत्र है, इजराइल के कब्जे में है.

Advertisement

Related posts

पीएम मोदी का 15 जुलाई का गुजरात दौरा कैंसिल

Report Times

बाढ़ और बारिश का तांडव, कहीं बहे सिलेंडर तो कहीं कार

Report Times

धर्म चेतना जन जागरण अभियान यात्रा चिड़ावा में : पद यात्रा में चल रहे संतों का किया अभिनंदन

Report Times

Leave a Comment