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राजस्थान के लिए कांग्रेस आलाकमान ने बनाई खास रणनीति, गहलोत हो या पायलट कोई भी खेमा नहीं होगा हावी

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चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस के कील-कांटे दुरुस्त करने के लिए आलाकमान ने कमर कस ली है. टिकट बंटवारे में मुख्यमंत्री का खेमा हो या सचिन खेमा, कोई भारी न पड़े और पार्टी को चुनावी नुकसान न हो, इसके लिए आलाकमान ने खास रणनीति बनाई है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के सियासी रणनीतिकार के सर्वे ने राज्य में 50 फीसदी टिकट काटने की सिफारिश कर दी, कांग्रेस आलाकमान ने ये सर्वे स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन गौरव गोगोई को दे दिया. सूत्रों का कहना है कि, आलाकमान चाहता है कि, जो भी फैसला हो वो किसी के दबाव में न हो. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट की बगावत के वक्त साथ रहे 102 विधायकों के टिकट नहीं कटने देना चाहते, उनका मानना है कि, कटना है तो उस वक्त बगावत करने वालों के कटें, वहीं सचिन पायलट खेमे का मानना है कि, अगर टिकट कटें तो सर्वे के आधार पर वरना नहीं.

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स्क्रीनिंग कमेटी में मधुसूदन मिस्त्री की खास एंट्री

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इसीलिए कांग्रेस आलाकमान ने स्क्रीनिंग कमेटी में सबको बैलेंस करने की कवायद की. स्क्रीनिंग कमेटी में प्रभारी सुखजिन्दर रन्धावा, चैयरमैन गौरव गोगोई, मुख्यमंत्री गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के साथ सचिन पायलट को भी जगह दी गयी थी, लेकिन गहलोत खेमे की घेरेबंदी हो सके इसलिए पार्टी में कड़क और गुटबाज़ी से दूर माने जाने वाले राज्य के मुख्य पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री को ऐन मौके पर विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर जगह दे दी गई.

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किसी भी खेमे के वर्चस्व को तोड़ना चाहता है हाई कमान

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सूत्रों के मुताबिक, इसके जरिए आलाकमान टिकट बंटवारे में और चुनाव के बाद किसी खेमे के वर्चस्व तोड़ देना चाहता है. माना जा रहा है वो खेमा खासकर गहलोत का है. टिकट काटकर वो जिताऊ उम्मीदवारों को लड़ाकर सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहता है, साथ ही उसकी कोशिश है कि, चुनाव के बाद किसी खेमे के ज़्यादा विधायक होने का बजाय आलाकमान समर्थक विधायक ज़्यादा हो सकें. जिससे अगर सरकार बनती है तो कोई मुख्यमंत्री पद पर सीधा दावा न ठोंक पाए और आलाकमान के हाथ ही मजबूत रहें.

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तेलंगाना में उम्मीदवार घोषित, लेकिन राजस्थान में फंसा पेंच

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इसी कवायद के चलते राजस्थान की पहली सूची तो दूर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक नहीं हो सकी. कांग्रेस प्रवक्ता को भी इस बात का एहसास है, इसलिए वो 25 नवंबर यानी देर से चुनाव का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन सबको मालूम है कि, 30 नवम्बर को तेलंगाना में चुनाव हैं जहां की 55 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार उतार दिए हैं.

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18 अक्टूबर को घोषित हो सकती है सूची

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नवरात्र के पहले दिन तीन राज्यों में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करके सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेला. फिर दूसरे ही दिन राहुल गांधी मिजोरम दौरे के दिन वहां की सभी 40 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दीं. ऐसे में राजस्थान का फंसा पेंच देख आलाकमान ने हस्तक्षेप किया. तब आज स्क्रीनिंग कमेटी की और कल 18 को ही केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुला ली गई. सूत्रों के मुताबिक, 18 को ही पहली सूची भी जारी कर दी जाएगी.

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