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राजस्थान में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. राजस्थान में ऐसी कई हाई प्रोफाइल सीटें हैं जिस पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है. इसमें टोंक सीट भी शामिल है. इस सीट से राजस्थान में कांग्रेस के नंबर दो नेता कहे जाने वाले और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मैदान में हैं. सचिन पायलट टोंक से मौजूदा विधायक भी हैं. वहीं, बीजेपी ने इस सीट से अजीत मेहता को कैंडिडेट बनाया है.टोंक को लेकर ऐसा माना जाता है कि इस सीट पर पार्टी नहीं एक व्यक्ति की धमक है. यहां मुद्दों के साथ-साथ जाति की भी बात होती है. वैसे तो इस सीट को मुस्लिम बहुल माना जाता है, लेकिन गुर्जर वोटर की तादाद भी काफी अधिक है. कहा जाता है कि 2018 के चुनाव में जब सचिन पायलट इस सीट से चुनाव लड़े थे तो वहां की जनता इस उम्मीद में थी कि उन्हें अपना मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है, लेकिन वैसा हुआ नहीं. कहीं न कहीं इसकी कसक आज भी लोगों में दिखती है. सचिन पायलट को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने जिस अजीत मेहता को मैदान में उतारा है पार्टी उनको स्थानीय कहकर वोटरों के बीच में पैठ मजबूत करते रही है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि अजीत स्थानीय नेता हैं ऐसे में वो यहां की दिक्कतों और मुद्दों को गहराई से समझते हैं. सीट पर मुस्लिम वोटरों को भी काफी संख्या है ऐसे में पोलराइजेशन की भी भरपूर कोशिश देखने को मिली है.
जातीय समीकरण साधने में जुटी बीजेपी
पोलराइजेशन इसलिए क्योंकि बीजेपी ने जातीय समीकरण को साधने के लिए दिल्ली से अपने सांसद रमेश बिधूड़ी को भेजा हुआ है. उम्मीदवार के ऐलान के बाद से ही बिधूड़ी सीट पर घूमकर जातीय समीकरण को साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं. बिधूड़ी भी गुर्जर समाज से ही आते हैं. बता दें कि इस बार के चुनाव में बीजेपी राज्य की सभी सीटों पर मैदान में है. वहीं, सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के लिए एक सीट छोड़ रखी है. आरएलडी ने भारतपुर सीट से मौजूदा विधायक सुभाष गर्ग को मैदान में उतारा है.