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राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी ने जयपुर में शनिवार को कहा कि कांग्रेस का अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में भाग लेने से इनकार करना दर्शाता है कि उन्हें इसमें भी ”तुष्टिकरण” दिख रहा है. उन्होंने पूछा कि कांग्रेस को भगवान राम से ‘समस्या’ क्यों है? उन्होंने आगे आरोप लगाया, कांग्रेस ने पहले कहा था कि भगवान राम का जन्म कभी नहीं हुआ था और यह एक “काल्पनिक” चरित्र है और उसने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और एड्स से की है.
‘प्राण प्रतिष्ठा को इवेंट बना दिया’
“अब, सभी पापों से मुक्ति मिलेगी. उन्हें (कांग्रेस) प्रगति में आना चाहिए।” जोशी ने एक सवाल का जवाब देते हुए संवाददाताओं से कहा, “भगवान राम देश और दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक हैं…इस कार्यक्रम का विरोध करना यह भी दर्शाता है कि उन्हें इसमें भी कहीं न कहीं तुष्टिकरण दिख रहा है.” ‘प्राण प्रतिष्ठा’ को एक “इवेंट” बना दिया. कांग्रेस ने 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम में शामिल होने के निमंत्रण को “राजनीतिक कार्यक्रम” बताते हुए अस्वीकार कर दिया. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आरोप लगाया था कि भाजपा ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए इसे एक ”कार्यक्रम” बनाया है.
‘…तो ये नौबत नहीं आती’
गहलोत ने कहा था, ‘राम मंदिर सबकी आस्था का केंद्र है. ये सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया तो झगड़ा मिट गया था. सभी देशवासियों ने फैसले का स्वागत किया. सरकार को भी उसी प्रकार का व्यवहार करना चाहिए था. इसका राजनीतिकरण किया गया है. गहलोत इसे भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम बताया, उन्होंने कहा कि, राम मंदिर सबका है जो शुरुआत से अगर सभी को साथ लेकर चलते तो ये नौबत नहीं आती. इसे RSS और भाजपा का कार्यक्रम बना दिया गया है, तो कांग्रेस इस कार्यक्रम में कैसे जायेगी? धर्मगुरुओं और शंकराचार्यों, जो धर्म के सर्वेसर्वा हैं, जो पूरे सनातन धर्म को गाइड करते हैं, पूरे देश के शंकराचार्य इस कार्यक्रम का बॉयकॉट कर रहे हैं.’