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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने पूरे राजस्थान में वीवीआईपी ट्रैफिक प्रोटोकॉल को खत्म कर दिया है. इसका मतलब है कि अब मुख्यमंत्री खुद भी आम आदमी की तरह ही ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे. उनके लिए ट्रैफिक में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. राजस्थान सरकार के इस फैसले के बाद अब वीवीआईपी मूवमेंट की वजह से आम लोगों को होने वाली परेशानी निजात मिलेगी. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने खुद ही वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान ट्रैफिक प्रोटोकॉल को खत्म करने का फैसला किया है. वीवीआईपी मूवमेंट की वजह से अक्सर यह देखा जाता है कि ट्रैफिक जाम की वजह से एंबुलेंस फंसी रह जाती हैं, जिसकी वजह से मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
ट्रैफिक में बदलाव की वजह से आम लोगों को होने वाली परेशानी और चीजों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने वीवीआईपी ट्रैफिक प्रोटोकॉल को खत्म करने का फैसला किया है. जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने फैसला लेने के बाद डीजीपी को निर्देश दे दिया है. इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री समेत सभी नेता और मंत्रियों को ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा.
दरअसल, पिछले साल के आखिरी में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में धमाकेदार जीत के बाद बीजेपी ने भजनलाल शर्मा को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया है. बतौर मुख्यमंत्री राज्य की कमान संभालने के बाद से भजनलाल शर्मा अब तक कई बड़े फैसले ले चुके हैं. सीएम पद की शपथ लेने के तुरंत बाद भजनलाल शर्मा ने तीन बड़े फैसले लिए थे.
इन तीन फैसले में राजस्थान पेपर लीक मामले में एसआईटी गठित करने और राज्य में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन और केंद्र की योजनाओं के लिए कमेटी बनाने का काम किया था. इन तीनों फैसलों को इसलिए अहम माना गया क्योंकि ये सीधे तौर पर जनता से जुड़े हुए मुद्दे हैं. पेपर लीक की वजह से हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया था. दूसरी ओर राज्य में गैंगस्टरों पर लगाम लगाने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन भी आम लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से काफी अहम था.