Ravindra Bhati: बाड़मेर। बाड़मेर-जैसलमेर से चुनाव हारने के बाद रविंद्र सिंह भाटी ने कहा की 2019 में छात्रसंघ का चुनाव लड़ा तब एक पहचान मिली. जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव आए, लेकिन जनता का आशीर्वाद बना रहा. अगर थक हारकर बैठ जाता तो शायद आपके बीच में विधायक के रूप में नहीं होता.
“हिम्मत हारने के बजाय डटकर मुकाबला किया”
कि 25 साल की उम्र में विधायक बना. 26 साल की उम्र में लोकसभा का चुनाव लड़ा. हिम्मत हारने के बजाय जनता ने डटकर मुकाबला किया. ये आपकी जीत है.
“कई बार किस्मत का भी फेर होता है”
रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि मेहनत सभी ने की. कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने बहुत मेहनत की. शायद मेरी मेहनत कोई कमी रह गई होगी. कई बार किस्मत का भी फेर होता है. उम्मेदाराम बेनीवाल को जीत की ढेर सारी बधाई. उम्मीद है कि उम्मेदाराम यहां की जनता के लिए काम करेंगे.
उम्मेदाराम ने रविंद्र भाटी को 118176 वोटों से हराया
बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर उम्मेदाराम को 704676 वोट हासिल हुए. जबकि, रविंद्र भाटी को 586500 वोट हासिल हुए. वहीं तीसरे स्थान पर बीजेपी के कैलाश चौधरी को 286733 वोट हासिल हुए. यानी उम्मेदाराम ने भाटी को 118176 और कैलाश चौधरी को 417943 वोट से हराया है.