राजस्थान में अब 6 नहीं 7 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होगा. लोकसभा चुनाव में प्रदेश के 5 विधायकों के चुनाव जीतने के कारण पांच सीटें खाली हुई थी, जिसके बाद एक सीट पर भाजपा के विधायक का निधन हो गया था, अब प्रदेश की एक सीट पर कांग्रेस विधायक के इंतकाल के बाद उपचुनाव में सीटों की संख्या बढ़कर 6 से 7 हो गई है. दरअसल शनिवार को अलवर जिले की रामगढ़ विधान सभा सीट के कांग्रेस विधायक जुबेर खान का निधन हो गया. जुबेर खान लंबे समय से बीमार चल रहे थे. जुबेन के निधन के कारण प्रदेश में एक और विधानसभा सीट रिक्त हो गई.
राजस्थान में इन 7 विधानसभा सीटों पर होगा उपचुनाव
- देवली उनियारा विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक हरीश मीणा अब सांसद बन चुके हैं.
- दौसा विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा अब सांसद बन चुके हैं.
- झुंझुनूं विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला अब सांसद बन चुके हैं.
- चौरासी विधानसभा सीट, BAP विधायक राजकुमार रोत अब सांसद बन चुके हैं.
- खींवसर विधानसभा सीट, RLP विधायक हनुमान बेनीवाल अब सांसद बन चुके हैं.
- सलूंबर विधानसभा सीट, बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन हो चुका है.
- रामगढ़ विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक जुबेर खान का निधन हो चुका है.
अलवर की रामगढ़ सीट पर दूसरी बार होगा उपचुनाव
अलवर की रामगढ़ विधानसभा पर दूसरी बार उपचनाव होगा. पिछली बार वर्ष 2018 में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह की चुनाव प्रचार के दौरान मौत के बाद चुनाव स्थगित किए गए थे. उसके बाद उप चुनाव हुए थे. वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जुबेर खान ने जीत हासिल की थी. लेकिन अब बीमारी के बाद उनका निधन हो गया.
2023 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जमानत हुई थी जब्त
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बागी उम्मीदवार सुखवंत सिंह के चुनाव मैदान में रहने से यहां भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जय आहूजा की जमानत जब्त हो गई थी. हालांकि इससे पहले भाजपा नेता जय आहूजा रामगढ़ से दो बार विधायक बन चुके हैं.
हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण के नाम पर होता है चुनाव
विधानसभा रामगढ़ विधानसभा चुनाव में कभी कांग्रेस का दबदबा रहता था लेकिन वर्ष 1990 के बाद यहां भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में ज्ञान देव आहूजा ने चुनाव लड़ा तब से यह विधानसभा चर्चित रहने लगी और चुनाव का केंद्र बिंदु हिंदू मुस्लिम बन गया.
रामगढ़ के विधायक ज्यादातर विपक्ष में ही रहे
इस विधानसभा से जीता प्रत्याशी विपक्ष में बैठता आया है. लेकिन यह मिथक भी 2013 में टूटा जब 2008 ओर 2013 में भाजपा से ज्ञानदेव आहूजा दो बार लगातार विधायक बने. इसे पूर्व रामगढ़ के विधायक को सरकार के विपक्ष में ही विधानसभा में बैठना पड़ा.
उपचुनाव वाले 7 सीटों पर कांग्रेस की लीड
ऐसे में अब प्रदेश में सात सीटों पर उपचुनाव होना है. इन सात सीटों में से 4 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. अब देखना है कि उपचुनाव में कांग्रेस क्या अपना लीड बरकरार रख पाती है या नहीं. क्योंकि अब प्रदेश में सत्ता भाजपा के हाथों में है. हालांकि प्रदेश में सरकार बनने के बाद श्रीगंगानगर की करणपुर सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.