Report Times
latestOtherउदयपुरकार्रवाईजयपुरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदिल्लीदेशराजस्थानसिनेमासोशल-वायरलस्पेशल

फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर लगी रोक, दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला… जानें क्या दिया विकल्प

REPORT TIMES : फिल्म उदयपुर फाइल्स को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. उदयपुर फाइल्स फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी. लेकिन अब इस फिल्म के रिलीज पर  फिलहाल रोक लगा दी गई है. उदयपुर के चर्चित हत्या कांड पर बनी फिल्म उदयपुर फाइल्स के ट्रेलर रिलीज होने के बाद से विवादों में घिरा है. हाल ही में इसके रिलीज पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे अपने अधिकार से बाहर बताते हुए खारिज कर दिया गया था. वहीं मामला दिल्ली हाई कोर्ट में जाने के बाद 10 जुलाई को सुनवाई के बाद फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी गई है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म के एक टीज़र को बिना सेंसर बोर्ड की अनुमति के जारी किए जाने को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि निर्माता ने स्वयं स्वीकार किया है कि जो टीजर सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया था उसमें फिल्म के ऐसे दृश्य भी शामिल थे जिन्हें हटाने का आदेश दिया गया था.

14 जुलाई तक अपील करने का समय

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को सोमवार (14 जुलाई) तक का समय दिया जाता है कि वह इस मामले में सिनेमा अधिनियम की धारा 6 के तहत केंद्र सरकार के समक्ष अपील कर सकता है. यदि वह अपील करता है तो वह अपने अंतरिम राहत की मांग भी रख सकता है. कोर्ट ने कहा कि निर्माता के जवाब का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि एक छोटा टीज़र/ट्रेलर संस्करण बिना प्रमाणन के जारी किया गया था. अदालत ने यह भी रिकॉर्ड में लिया कि 26 जून को जारी किया गया ट्रेलर या टीज़र, जिसे कई प्लेटफॉर्म्स और यूट्यूब चैनल पर डाला गया, उसमें कुछ ऐसे दृश्य भी थे जिन्हें सेंसर बोर्ड ने बाद में हटाने का आदेश दिया था.

बोर्ड ने 1 जुलाई को निर्माता को नोटिस भेजा

बोर्ड ने 1 जुलाई को निर्माता को नोटिस भेजा था जिसमें कहा गया था कि प्रमाणन के समय हटाए गए कुछ अंश सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे हैं जो सिनेमेटोग्राफ एक्ट का उल्लंघन है. कोर्ट ने यह भी दर्ज किया कि याचिकाकर्ता ने दलील दी कि यह फिल्म एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का घिनौना रूप है. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की ओर से पेश याचिकाकर्ता ने कहा कि फिल्म के लगभग हर दृश्य में उस समुदाय को गलत तरीके से दर्शाया गया है, जिससे सामाजिक सौहार्द और सार्वजनिक व्यवस्था को गंभीर खतरा है.

सिब्बल ने यह भी तर्क रखा कि फिल्म को दिया गया प्रमाण पत्र न केवल अधिनियम की धारा 5बी के खिलाफ है जो ऐसे किसी भी कंटेंट के प्रमाणन पर रोक लगाता है जो अपराध को उकसाने या सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालने की संभावना रखता हो बल्कि यह 1991 की केंद्र सरकार की अधिसूचना का भी उल्लंघन है. कोर्ट ने यह भी दर्ज किया कि निर्माता की ओर से पेश वकील ने कहा कि बोर्ड ने फिल्म में 55 कट्स, बदलावों या सम्मिलनों का निर्देश दिया था, जिन्हें निर्माता द्वारा मान लिया गया है और प्रमाणन उसी के बाद दिया गया. अंत में कोर्ट ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार से संपर्क करने का विकल्प अभी खुला है और याचिकाकर्ता अपने अंतरिम प्रार्थनाओं के साथ वहां गुहार लगा सकते हैं.

Related posts

रेलवे क्रॉसिंग बंद होने की वजह से एक मरीज की मौत

Report Times

राजस्थान बजट सत्र से पहले ब्यूरोक्रेसी में बदलाव, 6 IAS अधिकारियों का हुआ ट्रासंफर, देखें लिस्ट

Report Times

ईरान के खिलाफ इजरायल की एयर स्ट्राइक, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ और 2 न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत का दावा

Report Times

Leave a Comment