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सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए एक ही जन आधार कार्ड में फर्जी तरीके से 32 जनों के नाम जोड़ने वाले ई-मित्र कियोस्क को स्थाई रूप से बंद कर ब्लैक लिस्ट कर दिया। जानकारी के अनुसार इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सांख्यिकी विभाग ने एक मुस्लिम परिवार के जन आधार में हिन्दू परिवार के 10 से ज्यादा नाम देखे।
जिसकी रिपोर्ट आईटी विभाग को दी गई। जांच में सामने आया कि ई-मित्र कियोस्क संचालक ने जल्दी दस्तावेज बनवाने के लिए फर्जी तरीके से नाम जोड़े हैं। जानकारी के अनुसार इससे पहले भी इसी कियोस्क संचालक पर दो बार कार्रवाई करते हुए जुर्माना वसूलने के साथ पांच दिन के लिए स्थाई रूप से बंद करने की कार्रवाई की गई थी।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के एसीपी (उपनिदेशक) घनश्याम गोयल ने बताया कि झुंझुनूं ब्लॉक सांख्यिकी कार्यालय से एक रिपोर्ट आई जिसमें एक ऐसे सात सदस्य मुस्लिम परिवार के जन आधार का उल्लेख किया गया था जिसमें 32 सदस्यों के नाम जुड़े हुए थे। रिपोर्ट के बाद संबंधित मामले की जांच आईटी की ब्लॉक प्रोग्रामर दीपा राणासरिया को सौंपी गई।
जांच रिपोर्ट में सामने आया कि मोहल्ला मुगलान स्थित शरीफ ई-मित्र कियोस्क के संचालक मोहम्मद शरीफ ने एक ही जन आधार कार्ड में गलत तरीके से 32 नाम जोड़ दिए। जिसमें दस से ज्यादा नाम हिन्दू परिवार के थे। जबकि परिवार में असल सदस्यों की संख्या केवल 7 ही है।
उन्होंने बताया की मामले की जांच में सामने आया कि ऐसे व्यक्ति जिनका जन आधार योजना में पहले से नाम नहीं जुड़ा हुआ है उन व्यक्तियों का मूल निवास व जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कियोस्क धारक ने उनके नाम एक ही परिवार के जन आधार कार्ड में जोड़ दिए। जांच रिपोर्ट के आधार पर शुक्रवार को कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने कियोस्क धारक द्वारा फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर सेवा शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर कियोस्क को स्थाई रूप से बंद कर ब्लैक लिस्ट कर दिया।