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तापमान बढ़ने और लू के असर के कारण से सेहत पर इसका असर दिखने लगा है। एक सप्ताह के दाैरान जिले के सबसे बड़े बीडीके अस्पताल में 30 प्रतिशत मरीज बढ़ गए। शुक्रवार काे बीडीके में दाे घंटे की ओपीडी में 1421 मरीज दिखाने पहुंच गए। जबकि आम दिनाें में सात घंटे की ओपीडी में औसतन 2100 मरीज आते हैं। मरीजाें की संख्या इतनी थी कि अस्पताल के डाॅक्टराें ने हर मिनट में 12 मरीजाें काे देखा।
अस्पताल के डाॅक्टराें ने हर मिनट में 12 मरीजाें काे देखा। अस्पताल में आ रहे मरीजाें में हीट स्ट्राेक की वजह से बीमार हाेने वाले ज्यादा है। इनमें ज्यादातर पेटदर्द, ऐंठन, उल्टी के साथ भूख नहीं लगने की परेशानी लेकर आ रहे हैं। ताे वही फसल कटाई के बाद अनाज निकलने से जिले में दमा और अस्थमा के मरीजाें की संख्या भी डबल हाे गई है।
विशेषज्ञ चिकित्सकाें का मानना है कि भीषण गर्मी के कारण लोगों की सेहत बिगड़ रही है। पारा 40 डिग्री हाे जाने से स्थिति बिगड़ी है और अभी तापमान बढ़ने के बाद मरीजाें की संख्या बढ़ेगी। बच्चाें के पानी कम पीने के कारण से डायरिया और उल्टी की परेशानी सामने आ रही है। स्किन की परेशानी वाले मरीजाें की संख्या भी 15 फीसदी तक बढ़ गई है।
अनाज निकालने के दाैरान उड़ रही गर्द से अस्थमा-दमा के रोगी हुए दुगने
त्वचा राेग विशेषज्ञ डाॅ. अशाेक चाैधरी ने बताया कि इस माैसम के दाैरान स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देना जरुरी है। इन दिनों मुख्य तौर पर चेहरे, पेट, उंगुलियों, गर्दन, कंधों के आसपास, जांघ में इंफेक्शन ज्यादा देखने को मिल रहा है। सीनियर फिजिशियन डाॅ. अनित काजला ने बताया कि गर्मी में खाना जल्दी खराब हाेता है और उसमें बैक्टीरिया विकसित हाे जाने से फूड पॉइजनिंग व डायरिया हाेता है।
दूसरी ओर तेज गर्मी में धूप में निकलने से लू लगने से चक्कर आने लगते है और सर दर्द हो जाता है। ऐसे में मरीज को उल्टी दस्त व बुखार की शिकायत होती है। बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ. वीडी बाजिया ने बताया कि उल्टी-पेट दर्द व तापघात के रोगी काफी बढ़ गए है। तापमान बढ़ना इसका बड़ा कारण है।
जून के समान तापमान होने के कारण डिहाईड्रेशन की वजह से ओपीडी व आईपीडी में मरीज बढ़ने लगे है। वरिष्ठ शिशु राेग विशेषज्ञ डाॅ. जितेन्द्र भांबू ने बताया कि मौसम में जल्दी हाे रहे बदलाव, बढ़ा हुआ तापमान, फसल निकालने से एलर्जी, दमा व सीओपीडी के बीमार बढ़ गए है।