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बदलवाने जा रहे हैं 2000 रुपये का नोट तो मान लें आरबीआई गवर्नर की सलाह, नहीं होगी टेंशन

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गुरुवार यानी 8 जून को आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास को ऐसी सलाह दी है कि 2000 रुपये के नोट भी बैंकों में आराम से डिपॉजिट या एक्सचेंज हों जाएंगे और लोगों को परेशानी का भी सामना नहीं करना पड़ेगा. ऐसे में जिन लोगों के पास 2000 रुपये के नोट अभी मौजूद हैं वो आरबीआई गवर्नर की इस अपील को जरूर मानें, वर्ना उन्हें बाद ​के दिनों में परेशानी का सामना तो करना ही पड़ेगा, साथ ही पछताना भी पड़ सकता है. तो आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आरबीआई गवर्नर ने आम लोगों को क्या सलाह दे डाली है.

आरबीआई गवर्नर की सलाह

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आम लोगों से अपील की है कि वे 2,000 रुपये नोटों को बदलने/डिपॉजिट करने के लिए 30 सितंबर की डेडलाइन का वेट ना करें और घबराएं बिल्कुल भी नहीं. आरबीआई ने साफ कहा कि उसके बाद 2000 रुपये के नोट के बदले दूसरे डिनोमिनेशन के नोट देने के लिए पर्याप्त करेंसी मौजूद है. इसलिए बिल्कुल भी घबराएं नहीं, कोई हड़बड़ी न करें, लेकिन 2000 रुपये के नोटों को सितंबर की डेडलाइन तक भी अपने पास ना रखें.

नहीं बंद होंगे 500 रुपये नोट

इसके अलावा, शक्तिकांत दास ने उन अटकलों पर विराम लगा दिया और स्पष्ट रूप से कहा कि आरबीआई ने 500 रुपये के नोटों को वापस लेने या 1,000 रुपये के नोटों को फिर से शरू करने का विचार कर रहा है. पिछले महीने, आरबीआई ने सिस्टम से 2,000 के नोट को वापस लेने का फैसला किया था. देश के केंद्रीय बैंक ने घोषणा की है कि 2,000 रुपये के बैंक नोटों को बदलने या जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2023 है. हालांकि, उस डेट के बाद भी नोट लीगल टेंडर के रूप में लागू रहेंगे.

50 फीसदी से ज्यादा सिस्टम में वापस आए

आरबीआई गवर्नर ने गुरुवार को एक मीडिया बयान में कहा कि 31 मार्च, 2023 तक कुल 3.62 लाख करोड़ नोटों में से कुल 2,000 नोटों का लगभग 50 फीसदी, यानी 1.80 लाख करोड़ नोट बैंकों में जमा किए जा चुके हैं. गवर्नर दास ने कहा कि मोटे तौर पर 2,000 के कुल नोटों में से लगभग 85 फीसदी जमा के रूप में बैंकों में वापस आ गए हैं और बाकी एक्सचेंज हुए हैं. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट से पता चला कि लगभग तीन-चौथाई भारतीय 2,000 के नोटों को स्मॉल डिनोमिनेशन में एक्सचेंज करने की जगह बैंक अकाउंट में डिपॉजिट करना पसंद कर रहे हैं.

बैंकों में एक्सचेंज से ज्यादा हो रहे हैं डिपॉजिट

भारत के सबसे बड़े सरकारी लेंडर एसबीआई में 23 मई से लेकर जून के पहले सप्ताह तक 17 हजार करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट मिले. जिनमें 14 हजार करोड़ रुप्ये डिपॉजिट के रूप में बाकी एक्सचेंज हो गए. इसके अलावा, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने भी कहा कि 80 फीसदी से 90 फीसदी नोट डिपॉजिट हुए हैं. कोटक महिंद्रा बैंक को 30 मई तक 2,000 के 3000 करोड़ रुपये नोट मिले हैं.

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