Report Times
latestOtherकरियरकार्रवाईकोटाक्राइमटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजस्थानस्पेशल

कोटा में कैसे कम होंगे छात्रों के सुसाइड केस? जानें हाई लेवल कमेटी ने की क्या सिफारिशें

REPORT TIMES 

Advertisement

कोटा में लगातार बढ़ रहे सुसाइड के मामलों मे पूरे देश को हैरान कर दिया है. छात्र सुसाइड के बढ़ते आंकड़ों पर मंथन करने के लिए 8 घंटे हाई लेवल कमेटी की मीटिंग हुई. मीटिंग के बाद अधिकारियों ने कहा कि कोटा के कोचिंग संस्थानों को क्लास की टाइमिंग कम करनी होगी. साथ ही मनोरंजक गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके छात्रों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने की सिफारिश की गई है. कोटा के जिला कलेक्टर ओपी बंकर ने बैठक के बाद मीडिया से बात की और बैठक में लिए फैसले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह यहां कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या की जांच करने के लिए विशेषज्ञों और सामाजिक कल्याण संगठनों को जिम्मेदारी मिली है. कोचिंग संस्थानों को अपने स्टडी शेड्यूल में बदलाव करने की सिफारिश की गई है.

Advertisement

Advertisement

Kota Suicide Case पर 8 घंटे चली मीटिंग

Advertisement

जिला कलेक्टर बंकर ने बताया कि प्रमुख सचिव (उच्च और तकनीकी शिक्षा) भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में, समिति ने गठन के बाद पहली बैठक की गई. इसमें पांच सत्रों में आयोजित मैराथन बैठक के दौरान हितधारकों से सुझाव मांगे गए. यह बैठक सुबह 10.30 बजे से शाम 7 बजे तक 8 घंटे से अधिक समय तक चली. यहां कोचिंग कक्षाएं लेने वाले NEET और जेईई उम्मीदवारों द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच अगस्त में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया था. बंकर ने कहा कि हितधारकों से प्राप्त सिफारिशों के आधार पर राज्य स्तरीय समिति एक रिपोर्ट तैयार करेगी और राज्य सरकार को सौंपेगी.

Advertisement

कोचिंग की फीस पर फोकस

Advertisement

कोचिंग संस्थानों द्वारा ली जाने वाली फीस में कमी के संबंध में कलेक्टर ने कहा कि सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती क्योंकि यह सीधे छात्रों और संस्थानों के बीच है. इस बीच, एक राज्य स्तरीय टीम शहर भर के सभी कोचिंग संस्थानों में स्वास्थ्य सर्वेक्षण कर रही है. बंकर ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत छात्रों ने उनके द्वारा प्रदान किया गया स्वास्थ्य फॉर्म भर दिया है, जिसके आधार पर संदिग्ध प्रवृत्ति वाले छात्रों की पहचान की जा रही है और उन्हें परामर्श के लिए भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि संदिग्ध लक्षणों या संकेतों के गंभीर मामलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और ऐसे छात्रों के माता-पिता को अपने बच्चों की सहायता के लिए कोटा आने के लिए कहा जा रहा है.

Advertisement
Advertisement

Related posts

चिड़ावा : नगरपालिका में लगाए पौधे

Report Times

फोटो में कंफ्यूजन से छूटा जुड़वा भाइयों का JEE Exam, मैसेज आया- दो फॉर्म में एक जैसी तस्वीर

Report Times

चिड़ावा : रुपए देखकर भी नहीं डोला ईमान

Report Times

Leave a Comment