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नई दिल्लीः ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे के बाद स्थिति को सामान्य करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है. खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और वहां पहले रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी करते रहे फिर ट्रैक पर फैले मलबे को हटाकर फिर से इस रूट से सेवा बहाल कर दी गई. कल देर रात इस ट्रैक से ट्रेनों का परिचालन भी शुरू कर दिया गया.बालासोर जिले में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पिछले हफ्ते शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी इस हादसे की चपेट में आ गई. ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना का कहना है कि इस हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत हो गई है. जबकि एक हजार से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. आइए जानते हैं इस हादसे से जुड़ी अब तक के बड़ी अपडेट्स…
हादसे के करीब 51 घंटे बाद रविवार देर रात करीब 10.40 बजे पहली ट्रेन रवाना कर दी गई. वहां मौजूद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मालगाड़ी को रवाना किया. यह मालगाड़ी विशाखपटनम बंदरगाह से होते हुए राउरकेला इस्पात संयंत्र जाएगी. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बालासोर में देर रात बताया कि अब तक 3 गाड़ियां इस ट्रैक से जा चुकी हैं और रातभर में करीब 7 गाड़ियों के यहां जाने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि जिन परिवारों के लोग मिसिंग हैं उनको जल्द-से-जल्द उनके परिजनों तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है. दूसरी ओर, अमेरिका के दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्रेन हादसे पर कहा कि हमारे यहां एक समस्या बनी हुई है. बीजेपी और आरएसएस भविष्य की ओर देख पाने में असमर्थ हैं. अगर आप उनसे पूछिए कि ट्रेन हादसा क्यों हो गई तो वो कहते हैं कि कांग्रेस ने 50 साल पहले यह किया था. कांग्रेस के दौर में जब भी हादसे हुए तो पार्टी ने यह नहीं कहा कि यह अंग्रेजों की गलती की वजह से हुआ.
रेलवे ने की CBI जांच की सिफारिश
भारतीय रेलवे की ओर से कल रविवार को बालासोर हादसे की सीबीआई से जांच की सिफारिश की गई है. इस सिफारिश से कुछ घंटे पहले रेल मंत्री ने कहा था कि हमें रेल हादसे की वजह का पता चल गया है और जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है. रेलवे ने हादसे के बारे में कल रविवार को कहा कि हादसे की शिकार हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन ओवरस्पीड नहीं थी और निर्धारित स्पीड से ही चल रही थी.वहीं, हादसे में मरने वालों की संख्या पर विवाद बना हुआ है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इस बात के लिए निशाना साधते हुए कहा कि किसी को भी इस त्रासदी पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. ममता ने कहा था कि अकेले उनके राज्य के ही 61 लोगों की जान चली गई जबकि 182 अब भी लापता हैं. केंद्र सरकार की ओर से राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए दिल्ली से डॉक्टरों, दवाओं को घटनास्थल भेजा. ओडिशा में हादसे में गंभीर रूप से घायल करीब 100 लोगों का कई अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
सरकार ने मृतकों की संख्या संशोधित की
ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने हादसे के बाद चले राहत और बचाव कार्य के बारे में बताया कि एनडीआरएफ की 9 टीम, ओडीआरएफ (ओडिशा आपदा त्वरित प्रतिक्रिया बल) की पांच टीमों के अलावा दमकल सेवा की 24 टीम बचाव अभियान में लगी हुई थीं. ओडिशा सरकार ने कल हादसे में मारे गए लोगों की संख्या में संशोधन कर दिया. सरकार के अनुसार, हादसे में मारे गए लोगों की संख्या 275 है जबकि पहले यह संख्या 288 बताई गई थी. 1,175 लोग घायल है. मुख्य सचिव के मुताबिक, कुछ शवों की गिनती दो बार हो गई थी. इसलिए संख्या बढ़ गई थी. राज्य सरकार का कहना है कि राहत और बचाव कार्य के बाद अब शवों की पहचान सबसे बड़ी चुनौती है. शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिया जाएगा. साथ ही मृतकों की तस्वीर सरकारी वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी. हादसे को लेकर विपक्ष की ओर से रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग की जा रही है. कांग्रेस ने हादसे के लिए पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए. पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार से 7 सवाल भी पूछे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी को तत्काल रेल मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए.