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मुस्लिम महिलाओं को संपत्ति में समान अधिकार, 21 की उम्र में शादी! उत्तराखंड जैसी सिफारिशें UCC में लागू हुईं तो क्या?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान के बाद देश में समान नागरिक संहिता (UCC) पर चर्चा तेज़ हो गई है. पीएम मोदी ने भोपाल के कार्यक्रम में यूसीसी के पक्ष में बात की थी और इसको लेकर की उड़ाई जा रही अफवाहों को सिरे से नकारा. अब चर्चाएं है कि केंद्र सरकार जल्द ही देशभर में इस कानून को लागू करने के लिए अहम कदम उठा सकती है, जिसके लिए उत्तराखंड वाला मॉडल अपनाया जा सकता है.दरअसल, उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने यूसीसी लागू करने का वादा किया था और अब इस ओर तेज़ी से कदम भी बढ़ा दिए हैं. अगर यहां ऐसा होता है तो यूनिफॉर्म सिविल कोड के नेशनल प्लान का ट्रेलर देखने को मिल सकता है. उत्तराखंड में जिस कानून की चर्चा हैं, उसके तहत राज्य में सभी धर्मों की महिलाओं को समान अधिकार देने की बात कही गई है साथ ही शादी की उम्र भी सभी के लिए 21 साल करने की तैयारी है.

उत्तराखंड के UCC ड्राफ्ट में क्या खास?

पहाड़ी राज्य में एक एक्सपर्ट कमेटी ने समान नागरिक संहिता कानून का ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसमें कई विषयों को ध्यान में रखा गया है. इसी ड्राफ्ट पर चर्चा होने के बाद इसे कानून के रूप में मान्यता देने की सिफारिश की जा सकती है. ड्राफ्ट में शादी, तलाक, संपत्ति समेत अन्य विषयों पर सभी के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है.

# संपत्ति के मामलों में सभी धर्मों की महिलाओं को बराबर का हक दिया जाएगा.

# लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के लिए पहले से जानकारी देनी होगी, इसके लिए रजिस्ट्रेशन होगा.

# शादी करने की कानूनी उम्र सभी के लिए बढ़ाकर 21 साल कर दी जाएगी.

# दो से ज्यादा बच्चे पैदा होने पर वोट का अधिकार छिनेगा.

# गोद ली गई संतानों को भी संपत्ति में अधिकार दिया जा सकता है.

# सभी धर्मों के लिए बहुविवाह पर रोक लगाई जाएगी.

उत्तराखंड मॉडल ही देश में होगा लागू?

उत्तराखंड उन पहले राज्यों में शामिल है, जिसने तेज़ी से समान नागरिकता कानून की ओर कदम बढ़ाए हैं. अब जब राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के कानून की बात कही जा रही है, तो इसी मॉडल को उदाहरण बनाकर आगे बढ़ा जा सकता है. बता दें कि केंद्रीय विधि आयोग ने कुछ वक्त पहले ही देशवासियों से यूनिफॉर्म सिविल कोड पर उनकी राय मांगी थी. जल्द ही इसकी अंतिम तिथि आने वाली है, जिसके बाद अलग-अलग समुदाय, संगठनों और लोगों से मिले सुझावों पर मंथन किया जाएगा. पहले विधि आयोग ने सुझाव मांगें और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के एक कार्यक्रम में बयान दिया इसी के बाद देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है. कई मुस्लिम संगठनों, राजनीतिक दलों ने इसे भाजपा का चुनावी स्टंट बताया है. साथ ही कुछ विपक्षी नेताओं ने इस कानून को माहौल बिगाड़ने वाला बताया है. हालांकि, भाजपा लगातार इसे लागू करने की बात कर रही है और इसके पक्ष में बातें कही जा रही हैं.

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