REPORT TIMES
दिल्ली से जयपुर हाईवे विश्व का सबसे लंबा इलेक्ट्रिक हाईवे बनकर लगभग तैयार हो गया है. हाईवे का काम तेजी से चल रहा है. इस हाईवे पर किफायती दरों पर लोग सफर कर सकेंगे. इसके लिए हाइवे को इलेक्ट्रिक बनाया जा रहा है. इलेक्ट्रिक गाड़ियां दौड़ सके इसके लिए जगह जगह चार्जिंग स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं. खास बात ये है कि इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन तक पावर सप्लाई करने के लिए NHAI इन स्टेशनों के आस-पास सरकारी और गैर सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर पैनल लगाएगा, जिससे कि स्टेशनों पर पावर सप्लाई बाधित न हो.दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर के बीच 278 किलोमीटर की दूरी है. दिल्ली से जयपुर बस से जाने में लगभग 1000 रुपए का किराया लगता है लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से चलने वाली 8 इलेक्ट्रिक बसों में सफर बेहद सस्ता है. इलेक्ट्रिक बस में सफर करने में महज 360 रुपए चुकाने होते हैं. केंद्र सरकार की कोशिश है कि देश के और दूसरे हाईवे को भी इलेक्ट्रिक किया जाय जिससे कि प्रदूषण कम हो और चलना भी सस्ता हो.
5000 किलोमीटर हाईवे को ईवी-हाईवे बनाने का प्लान
पिछले साल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि इस साल की शुरुआ दिल्ली और जयपुर के बीच भारत का पहला इलेक्ट्रिक हाईवे बनाना उनका सपना है. केंद्रीय मंत्री ने बताया था कि 5000 किलोमीटर के नेशनल हाईवे को ईवी-हाईवे में बदला जाएगा. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राज्य के स्वामित्व वाला भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) वित्त वर्ष 2024-25 तक देश भर में लगभग 10,000 किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर केबल (ओएफसी) बुनियादी ढांचे के विकास के लिए में काम कर रहा है.
अगर सफल हुआ मॉडल तो भविष्य के लिए होगा बेहतर
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के राष्ट्रीय कार्यक्रम के निदेशक अभिजीत सिन्हा ने कहा मार्च में कहा था कि अगर यह मॉडल ई-मोबिलिटी सफल होता है, तो यह सफलता से कहीं अधिक है. मॉडल (भविष्य की परियोजनाओं के लिए) एक पैटर्न दिखाएगा. अब तक, राजमार्गों पर इलेक्ट्रिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को फंड करने के लिए कोई मॉडल नहीं था. इन राजमार्गों पर चार्जिंग स्टेशन पीपीपी मोड में संचालित होंगे, जिनका स्वामित्व सरकारी संस्थाओं, निजी कंपनियों और स्थानीय निवासियों के पास समान रूप से होगा.