REPORT TIMES
हैदराबाद में कांग्रेस कार्य समिति की तीन दिवसीय बैठक शुरू हो गई. बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के आला नेता उपस्थित थे. तीन दिवसीय बैठक की शुरुआत में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने शुरुआती संबोधन में कांग्रेस की नीति और नियत पर प्रकाश डालते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. अपने संबोधन में सोनिया गांधी के योगदान से लेकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से लेकर INDIA गठबंधन के गठन, बीजेपी सरकार द्वारा एजेंसी के इस्तेमाल और संसद के विशेष सत्र को लेकर अपनी टिप्पणी की. खरगे ने तेलंगाना का जिक्र करते हुए कहा,” तेलंगाना की राजधानी में बैठे हैं, उसे राज्य बनाने का काम भी सोनिया जी की कोशिशों की वजह से हुआ है. हम उनको भरोसा दिलाते हैं कि जल्दी ही दूसरे राज्यों के साथ तेलंगाना में भी हमारी सरकार बनेगी, जिससे हम तेलंगाना की जनता के सपनों को साकार करेंगे.” उन्होंने कहा, ” राहुल गांधी जी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा में गरीब, वंचित, महिला, युवा, किसान, बुद्धिजीवी, फ़ौजी और सभी वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस यात्रा से राहुल जी ने लोगों की आवाज बुलंद की और उनके बीच मोहब्बत और भाईचारे का संदेश भी दिया, जिससे पार्टी को नयी ऊर्जा मिली. उनके बोले शब्द ‘नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ आज दुनिया भर में आम जनता की आवाज बन गई है. ”
सर्वधर्म समभाव बिगाड़ने वालों की करें पहचान
खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 10 सालों से केंद्र में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही है. देश की आम जनता के हक में कांग्रेस ने मोदी सरकार को कई महत्वपूर्ण फ़ैसले लेने के लिए मजबूर भी किया.आज देश कई गंभीर आंतरिक चुनौतियों से जूझ रहा है. मणिपुर की दिल दहला देनेवाली घटनाओं को पूरी दुनिया ने देखा. 3 मई 2023 से वहां हिंसा आज भी जारी है. मणिपुर की आग को मोदी सरकार ने हरियाणा में नूंह तक पहुंचने दिया. यहां हिंसा की वारदातें हुईं, जिस कारण राजस्थान, यूपी और दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव फैला. उन्होंने कहा कि ये घटनाएं आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि पर धब्बा लगाती हैं. ऐसे हालात में सत्ताधारी दल, सांप्रदायिक संगठन और मीडिया का एक वर्ग, आग में घी डालने का काम करता है. देश का सर्वधर्म समभाव बिगाड़ता है. हमें मिलकर ऐसी ताकतों को पहचान करके बेनकाब करते रहना है. खरगे ने कहा कि हमारी मांग है कि 2021 जनगणना की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए. उसके साथ ही जातिगत जनगणना भी करायी जाए, ताकि समाज के जरूरतमंद तबके को स्वास्थ्य शिक्षा, रोजगार, खाद्य सुरक्षा समेत दूसरे हक मिल सके. आजादी के बाद बनी देश की बहुमूल्य पीएसयू को मोदी सरकार चंद पूंजीपति मित्रों के हवाले कर रही है.
गठबंधन की सफलता के बाद एजेंसी से लिया जा रहा बदला
उन्होंने कहा कि उनके फायदे के लिए नीतियां बदली जा रही हैं, उनके हक के कानून बन रहे हैं. पिछले दिनों PM के करीबी कारोबारी की कंपनियों में 20,000 हजार करोड़ रुपए का शेल कंपनियों द्वारा निवेश हुआ. इसका पर्दाफ़ाश होने पर भी मोदी सरकार जांच नहीं करा रही है. सारे बड़े घोटालों पर सरकार मौन है, परदा डाल रही है. उन्होंने कहा, “सरकार सोचती है कि इवेंट और विज्ञापन पर करोड़ों रुपये ख़र्च कर हिमालय जैसी नाकामियों को वो छिपा लेगी. 18 सितंबर से मोदी सरकार ने 5 दिनों का संसद का विशेष सत्र बुलाया है.” उन्होंने कहा कि लंबे सस्पेंस के बाद चंद बातें एजेंडे के तौर पर आयी हैं, जिसमें प्रमुख है चुनाव आयोग पर सरकार का पूर्ण नियन्त्रण. पर हमें सत्ता दल की मंशा पर सतर्क रहना होगा. ये सरकार विपक्ष विहीन संसद चाहती है. वो नहीं चाहती है कि उससे कोई सांसद, मीडिया या आम लोग सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि पीएम और बीजेपी नेताओं के हमलों से हमारे INDIA गठबंधन की 3 बैठकों की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है. हमारा कारवां जैसे जैसे आगे बढ़ेगा, इनके हमले तेज होंगे. INDIA गठबंधन की मुंबई बैठक के बाद ई़डी, आईटी, सीबीआई को सरकार ने विपक्षी नेताओं से राजनीतिक बदला लेने के लिए लगा दिया है. ये स्वस्थ लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है, लेकिन अफ़सोस कि यही हकीकत है.