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चिड़ावा। कृषि विशेषज्ञ और मैसर्स रतेरवाल सीड्स चिड़ावा के संचालक कृष्ण कुमार शर्मा ने किसानों को जैविक उत्पादों की सहायता से जैविक खेती को बढ़ावा देने की सलाह दी l शर्मा ने बताया की हर वर्ष यूरिया एवं डीएपी जैसे रासायनिक उर्वरकों की खेप बढ़ती ही जा रही है। जिससे ये स्पष्ट होता है कि जिले में खेती योग्य भूमि भारी मात्रा में पोषक तत्वों की कमी से जूझ रही है। किसान अच्छा उत्पादन लेने के लिए अनजाने में भारी मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कर रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों के पोषण के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा जैविक खेती को खूब बढ़ावा दिया जा रहा है,

जिसके चलते रासायनिक उर्वरक उत्पादन करने वाली नर्मदा बायो कैम लिमिटेड जैसी कम्पनिया भी अब जैविक उत्पादों जैसे बायो एनपीके, बायो पोटाश, बायो ज़िंक, इत्यादि बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा देने लगी है। वहीं दूसरी तरफ इफको कंपनी ने भी रासायनिक उर्वरकों के प्रभाव को कम करने एवं भूमि की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने के लिए नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी जैसे उत्पादों का आविष्कार किया है। परन्तु रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए किसान का जागरूक होना अति आवश्यक है।
उपरोक्त निखित उत्पादों के निर्धारित मूल्य निम्न है –
नर्मदा बायो पोटाश – 1145 ₹ प्रति 50 कि. ग्रा.
बायो ज़िंक – 675 ₹ प्रति 25 कि. ग्रा.
बायो NPK – 1225 ₹ 50 कि. ग्रा.
नैनो यूरिया – 225 ₹ प्रति 500 एम. अल.
यूरिया – 266 ₹ प्रति 45 कि. ग्रा.
DAP – 1350 ₹ प्रति 50 कि. ग्रा.
नैनो DAP – 600 ₹ प्रति 500 एम. एल.
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