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राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थन किया. वैभव गहलोत को 12 साल पुराने मामले में ई़डी द्वारा समन भेजा जाने पर सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में घटनाएं घट रही हैं. वह सभी जानते हैं. 29 दिन के बाद राज्य में चुनाव हैं. चुनाव आचार संहिता लागू है, लेकिन बीजेपी हार के डर से एजेंसी की कार्रवाई कर रही है. केंद्र सरकार की ओर से एजेंसियों को दुरुपयोग किया जा रहा है. सचिन पायलट ने कहा कि ईडी की कार्रवाई की टाइमिंग एवं इंटेंट दोनों ही संदिग्ध हैं. पूरा देश इस कार्रवाई को गंभीरता से देख रहा है. कांग्रेस पार्टी पहले से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ है. अगर किसी के खिलाफ कोई सबूत मिले और कार्रवाई हो. कांग्रेस सदा से ही इसका स्वागत करती रही है. उन्होंने कहा कि लेकिन अपनी हार देखकर बीजेपी की सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है और लोगों में खासकर विपक्षी पार्टियों में भय पैदा करने की कोशिश कर रही है. किसी भी पार्टी को अपनी विचारधारा के आधार पर चुनाव लड़ना चाहिए.
गहलोत का पक्ष में उतरे पायलट
उन्होंने कहा कि वैभव गहलोत को 12 साल पुराने मामले में समन भेजा जाना, चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद ऐसा करना सबको समझ आता है. बीजेपी को पता है कि 5 राज्यों में पीछे चल रही है. उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र के लिए नकारात्मक संकेत है. राहुल गांधी के साथ भी ऐसा किया गया. कांग्रेस के किसी नेता को डरने की जरूरत नहीं है. चुनाव खत्म होते ही इन छापों, समन का कोई अता पता नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में रूलिंग डिस्पेंशन जब अपने को कमजोर पाती है तो वो इस तरह से करती है. जांच से कोई डरता नहीं है, लेकिन इलेक्शन से पहले इस तरह की कार्रवाई पूरी तरह से मोटिवेटेड है.
कौन बनेगा सीएम, तय करेगा आलाकमान
उन्होंने कहा कि क्या ईडी ने कोई स्टेटमेंट दिया है कि ये कार्रवाई पेपर लीक को लेकर है? इस तरह की खबरें फैलाई जाती हैं. ईडी की कार्रवाई का पेपर लीक से देना नहीं है. छापा ईडी मार रही है और सफाई बीजेपी दे रही है. उन्होंने कहा, “पेपर लीक के खिलाफ मैं भी हूं. सत्ताधारी बीजेपी पार्टी जांच एजेंसियों का राजनीतिकरण कर रही है.” सचिन पायलट ने अशोक गललोत का पक्ष लेते हुए कहा कि उन्होंने जो कहा होगा कि वह अपने अनुभव के आधार पर कहा होगा, क्योंकि उनका दशकों का राजनीतिक अनुभव है. हम सभी लोगों का एक ही उद्देश्य है और एकजुट होकर चुनाव लड़ें और जीत हासिल करें. कौन बनेगा सीएम के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य मिलकर चुनाव जीतना है, उसके बाद विधायक और आलाकमान प्रक्रिया के तहत मुख्यमंत्री तय करेंगे. 25 सितंबर को जो हुआ वो शोध का विषय है, लेकिन वो अतीत की बात है. अब हमें भविष्य देखना है.