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25 नवंबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव में मतदान होने के बाद अब 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे. लेकिन उससे पहले जनता एक्जिट पोल का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही है. इससे चुनाव की तस्वीर लगभग साफ हो जाएगी कि बीजेपी और कांग्रेस में से किसके सिर पर जीत का सेहरा बंधेगा. अब तक के एग्जिट पोल के आंकड़ों की बात करें तो ज्यादातर बार यह फाइनल नतीजों से मेल खाते हैं. बतादें, राज्य में 75.45 फीसदी मतदान हुआ था. बता दें कि चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का घोषणा के साथ ही 7 नवंबर से 30 नवंबर (आज) की शाम तक एग्जिट पोल पर रोक लगा दी थी. ऐसे में आज तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने के बाद एग्जिट पोल सामने आ जाएंगे.
इस बार राज बदलेगा या रिवाज
राजस्थान में कुल 200 सीटें हैं, जिनमें 199 विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ. श्रीगंगानगर की करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और मौजूदा विधायक गुरमीत सिंह कूनर के मौत के कारण इस क्षेत्र में चुनाव स्थगित कर दिया गया था. वहीं अब 3 दिसंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे. पिछले चुनाव नतीजों की बात करें तो राजस्थान में किसी दल की लगातार दोबार सरकार नहीं बनी. लेकिन इस चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस राज्य में हर पांच साल बाद सरकार बदलने के इस रिवाज को बदलने की बात कर रही है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का भरोसा है कि जनता का आशीर्वाद इस बार उन्हें मिला है और राजस्थान में राज बदलने वाला है.
दांव पर कांग्रेस के इन दिग्गज नेताओंं की साख
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, शांति धारीवाल, बीडी कल्ला, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, भंवर सिंह भाटी, राजेंद्र यादव, शकुंतला रावत, उदय लाल अंजना, हेंद्रजीत सिंह मालवीय, अशोक चांदना सहित कांग्रेस के कई उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
दांव पर बीजेपी के इन दिग्गज नेताओं की साख
बीजेपी में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सांसद दीया कुमारी, उपनेता प्रतिपक्ष और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राज्यवर्धन राठौड़, किरोड़ी लाल मीणा एवं बाबा बालकनाथ मैदान में हैं. वहीं गुर्जर नेता दिवंगत किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी ने कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा, छह लोकसभा और एक राज्यसभा सदस्य समेत 59 विधायकों को फिर से चुनाव मैदान में उतारा था. वहीं कांग्रेस ने सात निर्दलीय और एक बीजेपी के शोभारानी कुशवाह सहित 97 विधायकों को टिकट दिया था. इसके अलावा कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले प्रमुख चेहरों में से एक नागौर से पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा भी चुनाव लड़ीं.
आरएलपी के हनुमान बेनीवाल पर नजर
नागौर सांसद और आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के भी किस्मत का फैसला इस चुनाव में होने जा रहा है. आरएलपी का चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ गठबंधन हुआ है. इसके अलावा बीजेपी सभी सीटों पर चुनाव लड़ी, जबकि कांग्रेस ने 2018 चुनाव की तरह अपने सहयोगी आरएलडी के लिए भरतपुर सीट छोड़ दी थी. भरतपुर सीट से आरएलडी के विधायक सुभाष गर्ग फिर चुनाव लड़े हैं.
चुनाव मैदान में 40 से अधिक बागी
इसके अलावा सीपीआई (एम), भारतीय ट्राइबल पार्टी, आम आदमी पार्टी, आरएलपी, भारत आदिवासी पार्टी, एआईएमआईएम समेत अन्य पार्टियां भी चुनाव मैदान में उतरीं. वहीं बीजेपी-कांग्रेस दोनों दलों के 40 से अधिक बागी भी चुनावा मैदान में ताल ठोकी.
कुल मतदाता और उम्मीदवारों की संख्या
- राज्य विधानसभा चुनाव में कुल 1862 उम्मीदवार मैदान में हैं.
- मतदाताओं की संख्या- 5,25,38,105
- 18-30 आयु वर्ग के मतदाता- 1,70,99,334
- फर्स्ट टाइम वोटर- 22,61,008
- 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे
2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे
वहीं 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो कांग्रेस 107 सीट, बीजेपी 70, सीपीआई (एम) और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के 2-2, आरएलपी ने तीन सीटों और राष्ट्रीय लोक दल ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी. वहीं 13 निर्दलीयों ने भी जीतकर विधानसभा का सफर तय किया था. दो सीटें (उदयपुर और करणपुर) फिलहाल खाली हैं.