REPORT TIMES
करणी सेना चीफ सुखदेव सिंह गोगामेड़ी से कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की दुश्मनी काफी पुरानी है. इसी दुश्मनी के चलते लॉरेंस ने चार साल पहले ही गोगामेड़ी को जान से मारने की धमकी दे दी थी. इस धमकी के बाद ही गोगामेड़ी ने खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर उन्हें सूचित किया था और राजस्थान के डीजीपी से सुरक्षा की मांग की थी. बावजूद इसके, जब उन्हें सुरक्षा नहीं मिली तो मौका देखकर लॉरेंस के गुर्गों ने एकाध बार गोगामेड़ी पर हाथ डालने की कोशिश भी की. गनीमत रही कि उन्हें एक बार भी सफलता नहीं मिली. यह खुलासा सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के बेहद खास और करणी सेना के कद्दावर नेता सूरजपाल अम्मू ने दी. मीडिया बातचीत करते हुए सूरजपाल सिंह अम्मू ने टेलीफोन पर बात करते हुए कहा कि इस वारदात के कारण किसी से छुपे नहीं हैं, लेकिन टेलीफोन पर बात करना उचित नहीं होगा. उन्होंने बताया कि लॉरेंस ने खुद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को फोन पर धमकी दी थी. लॉरेंस के ही कहने पर पंजाब के बठिंडा जेल में बंद संपत नेहरा ने कई बार गोगामेड़ी पर जानलेवा हमला करने का प्रयास भी किया.
उन्होंने कहा कि गोगामेड़ी पर हाथ डालना लॉरेंस के लिए भी आसान नहीं था. इस बार हमलावर उनके संगठन के कार्यकर्ता बनकर आए थे. वह गोगामेड़ी के एक जानकार के जरिए उनतक पहुंचे थे. ऐसे में हर पल अलर्ट रहने वाले गोगामेड़ी बेपरवाह हो गए और हमलावरों ने आसानी से उनके ऊपर गोलीबारी कर दी. सूरजपाल सिंह अम्मू ने कहा कि गोगामेड़ी देश और समाज के लिए लड़ रहे थे. चूंकि लॉरेंस गैंग देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त है. इसलिए उन्हें लगता था कि गोगामेड़ी उनकी राह में बाधा हैं. इस मौके पर सूरजपाल अम्मू ने राजस्थान के निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अब यह बात किसी से छिपी नहीं है कि राजस्थान की सरकार अपराधियों और देश विरोधी ताकतों को संरक्षण देने का काम कर रही थी. गोगामेड़ी के मामले में यह राजस्थान की ही सरकार थी, जो पंजाब पुलिस के इनुपट और खुद गोगामेड़ी की गुहार के बाद भी उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में आनाकानी करती रही है. लेकिन देश की जनता समझदार है और कांग्रेस की नीति और नीयत का जवाब अपने वोट से दे रही है.