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राम मंदिर को लेकर बीजेपी की बैठक, शाह-नड्डा विपक्ष के लिए नहीं छोड़ना चाहते कोई मौका?

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लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन बीजेपी के लिए 2024 में ट्रंप कार्ड साबित हो सकता है. राम मंदिर को बीजेपी अपनी सबसे बड़ी सफलता के तौर पर दर्शा रही है और माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में यही रामलला बीजेपी की सियासी नैया को पार करने का सबसे बड़ा माध्यम बन सकता है. 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम मोदी शिरकत करेंगे. राम मंदिर उद्घाटन से पहले बीजेपी बड़ी तैयारी में जुटी है और 2024 के चुनाव को राम मंदिर मुद्दे के एजेंडे पर ही रखने का प्लान बनाया है ताकि विपक्षी दलों का कोई भी नैरेटिव काम न आ सकें? अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर बीजेपी ने मंगलवार को नई दिल्ली में पार्टी नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह इस बैठक में शिरकत करेंगे. राम मंदिर को लेकर हो रही इस बैठक में बीजेपी ने देशभर से अपने नेताओं को बुलाया है. बीजेपी के सभी प्रदेशों के अध्यक्ष सहित दो-दो पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव में राम मंदिर उद्घाटन को अपनी ऐतिहासिक सफलता के तौर पर पेश कर सियासी लाभ उठाने की तैयारी कर रखी है. ऐसे में अमित शाह और जेपी नड्डा मंगलवार की बैठक में भाजपा के पदाधिकारियों को राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम पर बड़ा अभियान चलाने का मंत्र दे सकते हैं.

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22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा

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अमित शाह और जेपी नड्डा की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन संबंधित तैयारियों को लेकर चर्चा की जाएगी. राम मंदिर मुद्दे को जन-जन और घर-घर तक ले जाने का पार्टी ने पहले से प्लान बना रखा है. देश के हर बूथ तक इस संदेश को ले जाने के लिए विशेष योजना तैयार की जा सकती है, जिससे राम मंदिर की भव्यता से हर मतदाता से वाकिफ कराया जा सके. ऐसे में पार्टी ने प्लान बनाया है कि राम मंदिर आंदोलन और मंदिर निर्माण में पार्टी की भूमिका बताने वाली एक पुस्तिका भी तैयार की जाएगी. साथ ही लोकसभा चुनावों से पहले नए वोटर्स से जुड़ने के लिए बूथ स्तर पर कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से बीजेपी अपने चुनावी अभियान के दौरान, इस बात पर भी प्रकाश डालेगी कि कैसे विपक्षी दलों ने मंदिर के निर्माण में बाधा डालने का प्रयास किया. बीजेपी ने राम मंदिर से जुड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों में भाग लेने और समर्थन देने का भी वादा किया है. राम मंदिर को लेकर दशकों तक आंदोलन चलाने वाले वीएचपी और आरएसएस ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर विस्तृत और देशव्यापी योजना तैयार की है, जिसे बीजेपी ने समर्थन करने का फैसला किया है. इसलिए बीजेपी अब अयोध्या के राम मंदिर के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को लेकर देश में एक अभियान भी चला सकती है.

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रामलाल को घर-घर पहुंचाने का अभियान

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नए साल के दस्तक के साथ ही राम मंदिर के घर-घर पहुंचाने के मिशन को संघ-वीएचपी ने शुरू किया. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की सूचना घर-घर अक्षत निमंत्रण देकर पहुंचाने का कार्यक्रम शुरू किया. इस तरह 15 दिनों तक घर-घर जाकर अभियान चला रहे हैं और 22 जनवरी को लोगों को अयोध्या पहुंचने के बजाय अपने घरों में रहकर दीया जलाकर जश्न मनाने का अनुरोध किया जा रहा. 22 जनवरी को पांच लाख मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया जाएगा और इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा ताकि लोग राम मंदिर की भव्यता को देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में देख सकें. खुद पीएम मोदी ने 30 दिसंबर को अयोध्या में बोलते हुए लोगों से 22 जनवरी को दीपक जलाकर दिवाली मनाने की अपील की थी.

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2.5 करोड़ लोगों को ‘दर्शन’ कराने की रणनीति

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रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद कारसेवकों के परिवार और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों को अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन कराने की रूप रेखा संघ-वीएचपी ने बनायी है. इसे लेकर संघ ने लोकसभा और विधानसभा स्तर पर बैठकें करके प्लान बनाया है. बीजेपी ने 24 जनवरी से अगले तीन महीनों में देश भर के 543 लोकसभा क्षेत्रों के कम से कम 2.5 करोड़ लोगों को भगवान श्रीराम के ‘दर्शन’ कराने की रणनीति बनाया है. इसे आम चुनावों से पहले हिंदू वोटों को एकजुट करने की स्टैटेजी का हिस्सा माना जा रहा है.

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राम मंदिर निर्माण बीजेपी के लिए उपलब्धि

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बीजेपी की राजनीतिक सफर में राम मंदिर की एक बड़ी भूमिका रही है. 1984 में दो लोकसभा सीटों से 2019 में 303 सीटों तक पहुंचने में बीजेपी के लिए राम मंदिर का अहम रोल रहा. बीजेपी ने राम मंदिर के मुद्दे के सहारे हिंदू मतदाताओं को आकर्षित करने की योजना बनाई और इसके लिए संघर्ष किया. बीजेपी राम मंदिर निर्माण को अपनी उपलब्धि के तौर पर बता रहा. यह मुद्दा अब सियासी तौर पर बीजेपी के लिए बहुत ज्यादा उम्मीद दिखा रहा है, क्योंकि उन्हें समाज में एक बड़ा वर्ग है, जिसकी संवेदनाएं श्रीराम के साथ है और वह इससे आकर्षित होकर उसे वोट कर सकता है. बीजेपी गांव-गांव, शहर-शहर हर जगह राम मंदिर निर्माण का प्रचार करेगी. देश की एक-एक जनता तक सीधे पहुंचकर बताएगी की राम मंदिर निर्माण को लेकर जो कहा था, वो हमने किया है. इसलिए राम मंदिर निर्माण का लाभ बीजेपी को मिल सकता है.

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राम मंदिर निर्माण राजनीति का विषय नहीं

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बीजेपी नेताओं का कहना है कि राम मंदिर निर्माण राजनीति का विषय नहीं है. यह एक स्वप्न के साकार होने जैसा है. 500 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद प्रभु रामलला अपने भव्य मंदिर में विराज रहे हैं. यह बहुत ही प्रसन्नता का विषय है. अगर इससे भी कोई राजनीतिक लाभ की बात करता है तो इस राजनीतिक लाभ को लेने के लिए कांग्रेस और सपा को भी पूरी स्वतंत्रता थी, लेकिन इन्हें हमेशा मजहबी तुष्टिकरण दिखाई देता था. बीजेपी आज भी अपने स्टैंड पर पूरी तरह से कायम है. हमारे लिए राम मंदिर आस्था का विषय है, राजनीति का नहीं.

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राम मंदिर पर विपक्ष को घेरने का प्लान

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साल 2024 में लोकसभा का चुनाव भी होना है, जो राम मंदिर के इर्द-गिर्द सिमटा रह सकता है. पार्टी अयोध्या के राम मंदिर को लेकर किए गए संघर्ष और कांग्रेस सहित अन्य विरोधी दलों की ओर से डाली गई बाधाएं और दिए गए बयानों से देश की जनता को भी जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगी. पार्टी नेता जनसभाओं में इसका जिक्र करेंगे. बीजेपी राम मंदिर आंदोलन को लेकर एक बुकलेट भी जारी कर सकती है. राम मंदिर अभियान की रूपरेखा पर मंगलवार की बैठक में चर्चा हो सकती है.

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माना जा रहा है कि बीजेपी राम मंदिर के एजेंडे पर ही चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है, जिसका काउंटर विपक्ष को नहीं मिल पा रहा है. विपक्षी गठबंधन INDIA इस बात को लेकर बंटा हुआ है कि अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होना है या नहीं. एक तरफ पार्टियों को डर है कि यदि वे इसमें शामिल नहीं हुए तो उन्हें हिंदू विरोधी बताकर घेरा जाएगा तो दूसरी तरफ उन्हें यह भी लगता है कि यदि वे शामिल हुए तो बीजेपी के हाथों में खेले जाने के आरोप लगाए जाएंगे. इस तरह विपक्ष कशमकश में फंसा हुआ और निमंत्रण मिलने के बाद भी ये कन्फर्म नहीं हो पा रहा है कि विपक्ष के कौन नेता अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में शिरकत करेंगे.

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