REPORT TIMES
बीकानेर। प्रदेश की 97 फीसदी सरकारी स्कूलों में शौचालय बन चुके हैं, लेकिन करीब 26 प्रतिशत स्कूलों में अब तक पानी कनेक्शन ही नहीं हो पाया है। ऐसे में कई स्कूलों में बच्चों को शौचालय की सुविधा का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है। कुछ जगह बच्चे टांकों और आसपास से पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। वहीं कुछ स्कूलों में भामाशाहों के सहयोग से पानी के टैंकर आदि से वैकल्पिक इंतजाम किए गए हैं। केंद्रीय जल शक्ति और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की 22873 स्कूलों में अब तक नल जल कनेक्शन नहीं हो पाया है। स्कूलों में नल जल कनेक्शन के मामले में राजस्थान बॉटम थ्री यानी 32वें पायदान पर है। जबकि देश के 90.55 प्रतिशत स्कूलों (9.23 लाख स्कूलों) में पीने योग्य नल जल की आपूर्ति हो गई है। देश में कुल 10,20,408 सरकारी स्कूलें हैं। इनमें से 9,23,963 स्कूलों में नल जल कनेक्शन हो चुके हैं।
न जल जीवन मिशन में काम, ना अभियान पकड़ सका रफ्तार
स्कूलों और आंगनवाडिय़ों में पीने, मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में प्राथमिकता के आधार पर पाइपगत जलापूर्ति के लिए जल जीवन मिशन के तहत विशेष अभियान चलाया गया था। लेकिन राजस्थान में जेजेएम के साथ इस अभियान में भी बेहद धीमी गति से काम हुआ।
मॉडल स्टेट
11 राज्य जहां 100 प्रतिशत स्कूलों में नल जल आपूर्ति
उत्तराखंड, तेलगांना, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, केरल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गोवा, दादरा एवं नागर हवेली और दमन एवं दीव, आंध्रप्रदेश, अंडमान एवं निकोबार।
7 प्रदेश जहां सभी सरकारी स्कूलों में शौचालय
पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, गोवा, दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार।
हमसे तो यूपी-बिहार बेहतर
राज्य – स्कूलों की संख्या – नल जल वाली स्कूलें – प्रतिशत
गुजरात – 29,754 – 29,713 – 99.86
पंजाब – 22,389 – 22,230 – 99.29
बिहार – 71,323 – 70,537 – 98.90
महाराष्ट्र – 77,725 – 76,640 – 98.60
उत्तरप्रदेश – 1,17,533 – 1,14,695 – 97.59
छत्तीसगढ़ – 46,280 – 43,974 – 95.02
मध्यप्रदेश – 93,419 – 74,082 – 79.30
राजस्थान – 86,217 – 63,344 – 73.47
(19 दिसम्बर 2023 तक की स्थिति )