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प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली और गड़बड़ी को लेकर अब केंद्र सरकार राजस्थान की राह पर चलती दिख रही है। दरअसल, लोकसभा में सोमवार को पेश हुआ ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 के सख्त प्रावधान ऐसे वक्त पर लाया गया है, जब राजस्थान में इसी तरह का ‘राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा संशोधन विधेयक 2023’ विधानसभा में पारित होने के बाद सख्त क़ानून के तौर पर प्रभावी है। इधर केंद्र के विधेयक से तुलना में राजस्थान में लागू क़ानून और इसके प्रावधान कई मायनों में ज़्यादा सख्त नज़र आते हैं।
राजस्थान में है उम्र कैद का प्रावधान
केंद्र सरकार के लोकसभा में पेश किए गए विधेयक में जहां परीक्षाओं में गड़बड़ी के अपराध के लिए अधिकतम 10 वर्ष की जेल का प्रावधान है, वहीं राजस्थान की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान से प्रभावी सख्त क़ानून में परीक्षा में गड़बड़ी के दोषियों को ताउम्र जेल (उम्र कैद) का प्रावधान है।
अधिकतम 10 करोड़ है जुर्माना राशि
केंद्र के विधेयक में जहां परीक्षाओं में गड़बड़ी करने पर अधिकतम 1 करोड़ रूपए के जुर्माने तक का प्रावधान रखा गया है, तो वहीं राजस्थान में प्रभावी क़ानून में कम से कम 10 लाख रुपए और अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। यही नहीं, अगर दोषी व्यक्ति जुर्माने की राशि अदा करने में नाकाम रहता है, तो उसकी सजा 2 साल और बढाए जाने का भी प्रावधान है।