REPORT TIMES
चिड़ावा। रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान द्वारा शुक्रवार को डालमिया खेलकूद परिसर में कृषि मेले का आयोजन हुआ। मेले में क्षेत्र के किसान, कृषक महिलाएं, कृषि विषय का अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राएं, पशुपालकों सहित प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। मेले के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के पूर्व कुलपति डाॅ. प्रवीण सिंह राठौड़ ने कहा कि किसानों को अब जमीन के घटते क्षेत्रफल और गिरते भूजल स्तर पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होनें कहा कि निरंतर उवर्रकों के उपयोग से भूमि की गुणवत्ता व पोषक तत्वों की उपलब्धता में निरंतर गिरावट आ रही है वहीं अधिक सिंचाई वाली फसलों की बुवाई के कारण भूजल स्तर भी गिरता जा रहा है। उन्होनें किसानों को संतुलित उर्वरा प्रबंधन पर ध्यान देना की बात कही। कायर्क्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रवासी उद्योगपति एंव ट्रस्टी रघुहरि डालमिया ने कहा कि देश को ऐसे किसानों की आवश्यकता है जो देश की प्रगति में सहभागी बने।
मेले में उद्यान विभाग झुंझुनू के उपनिदेशक डाॅ. शीशराम जाखड़, पर्यावरण विकास और अध्ययन केंद्र के निदेशक डाॅ. मनोहर सिंह राठौड़, स्वामी केश्वानंद विश्वविद्यालय, बीकानेर के पूर्व निदेशक डाॅ. हनुमान प्रसाद, किसान आयोग के सदस्य ओपी खेदड़ और प्रगतिशील कृषक मुकेश मांजू ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मेले में प्रगतिशील किसानों के रूप में विद्याधर, सवाई सिंह, सुरेश, लालचंद, कुंजबिहारी, ग्राम विकास समिति के लिए मालुपुरा की ग्राम जलग्रहण समिति, पयार्वरण मित्र के रूप में राकेश बराला और जलयोद्धा के रूप में रोहिताश बराला को प्रमाण पत्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। मेले में विभिन्न कम्पनियों एंव सरकारी विभागों द्वारा लगाई गई कृषि आदानों, उपकरणों, नवीन कृषि यंत्रों, जैविक उत्पादों, जल संरक्षण सहित अन्य उपयोगी स्टाॅले लगाई गई इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेन्द्र पालीवाल ने अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की प्रगति पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन मोनिका स्वामी ने किया। इस अवसर पर संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप कुल्हार,जल संसाधन समन्वयक संजय शर्मा, कृषि समन्वयक शुबेन्द्र भट्ट, अजय बलवदा, राकेश महला, सूरजभान रायला, नरेश, बलवान सिंह, अनिल सैनी, मानसिंह, जितेन्द्र, सुनिल सहित बड़ी संख्या में कृषक मौजूद रहे।
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