आदर्श आचार संहिता के कारण किन कामों पर पाबंदी होती है
– भारतीय चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद पर पाबंदी लग जाती है। नए कामों की स्वीकृति नहीं होती है। सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स-पोस्टर नहीं लगेंगे।
– सरकारी वाहनों से सायरन हटा लिए जाएंगे। चौक-चौहारे से सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए दिए जाएंगे। सरकारी भवनों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो नहीं लगाये जाएंगे
– प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया प्लेटफार्म पर सरकार के किसी भी विज्ञापन को नहीं चलाया जाएगा। हर तरह के प्रलोभन और लेन-देन से बचें। सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले कायदे-कानून को जान लें। नहीं तो आपकी एक पोस्ट आपको जेल के अंदर डलवा सकती है।
– सरकारी भवन, गाड़ियां, विमान या बंगले का इस्तेमाल चुनावी प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा। किसी भी राजनीतिक दल के नेता को रैली करने से प्रशासन से आदेश लेनी पड़ेगी। चुनावी रैली में धर्म, जाति के आधार पर वोट नहीं मांगा जाएगा।
कार्रवाई भी हो सकती है
चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा काम नहीं कर सकती, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े और घृणा फैले।वोट के लिए पैसे देना, वोटर्स को परेशान करना नेताओं और उनके समर्थकों पर भारी पड़ सकता है। व्यक्तिगत और तथ्यात्मक रूप से गलत टिप्पणियां करने पर भी चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है।
वोटिंग से 48 घंटे पहले बंद हो जाता है प्रचार
चुनाव आयोग के मुताबिक वोटिंग से 48 घंटे यानी दो दिन पहले ही चुनाव प्रचार थम जाता है। वोटिंग के दिन राजनीतिक दलों को सुनिश्चित करना होता है कि वोटर्स को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर ही हो। इसपर किसी तरह का सिंबल या उम्मीदवार का नाम ना लिखा हो। वोटर्स को छोड़कर कोई भी अतिरिक्त व्यक्ति बूथ में प्रवेश ना करे।