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चीन कैसे बना इनोवेटर? DeepSeek AI लाकर मचाई दुनिया में खलबली.

रिपोर्ट टाइम्स।

जब दुनियाभर में चीन के प्रोडक्ट्स ने अपनी पकड़ बनानी शुरू की थी, तो उन्हें ‘सस्ती कॉपी’ कहा जाता था या उनकी क्वालिटी को लेकर अक्सर ‘चले तो चांद तक, वरना रात तक’ जैसा उदाहरण दिया जाता था. लेकिन देखते ही देखते दुनिया बदल गई. आज भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में चीन के स्मार्टफोन ब्रांड्स के पास 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है. लैपटॉप से लेकर घरों में इस्तेमाल होने वाले ताले तक चीन से आ रहे हैं.

अपनी ‘कॉपीकैट’ की इमेज को पीछे छोड़ते हुए चीन की धमक अब दुनिया में दिख रही है. DeepSeek AI मॉड्यूल बनाकर चीन ने अमेरिका के शेयर बाजार में तबाही मचा दी. एक झटके में दुनिया के टॉप-500 अरबपतियों के 9 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा डूब गए. आखिर चीन ने नकल से अकल तक का ये सफर कैसे पूरा किया?

नकल से अक्ल तक का सफर

DeepSeek AI मॉड्यूल को चीन ने बेहद कम कीमत पर तैयार करके Google के Gemini AI, OpenAI के ChatGPT और Elon Musk के Grok AI के सामने बड़ी चुनौती खड़ी है. लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं होती है. इस टेक्नोलॉजी को दुनिया के सामने लाने से कुछ दिन पहले ही चीन ने कई और अनोखी तकनीक दुनिया के सामने रखी थीं.

चीन ने पिछले महीने लोहा बनाने की एक नई टेक्नोलॉजी से दुनिया को रूबरू कराया था, जो लोहे या स्टील के उत्पादन को 3,600 गुना तक बढ़ा सकता है. ये चीन की लौह उत्पादन लागत को एक-तिहाई तक ला सकती है,

उसका प्रोडक्शन भी बढ़ा सकती है. इसके कुछ दिन बाद चीन ने एक नया स्टील्थ फाइटर जेट दुनिया को दिखाया. ये 6वीं जेनरेशन का मॉडल है. एविएशन सेक्टर में अभी पूरी दुनिया में वेस्टर्न देशों का प्रभाव है, जिसे चीन का ये कदम तोड़ सकता है.

चीन के इनोवेशन की कहानी यहीं नहीं खत्म होती. चीन ने सैटेलाइट से जमीन पर लेजर कम्युनिकेशन की टेक्नोलॉजी को विकसित किया है. एलन मस्क के स्टारलिंक को चुनौती देने के लिए 100 गीगाबाइट प्रति सेकेंड की स्पीड से डेटा ट्रांसफर का मुकाम भी तय किया है. ऐसे में अब DeepSeek के विकास ने चैटजीपीटी से लेकर जेमिनी एआई तक को हिलाया हुआ है.

चीन की इन कंपनियों ने बदली इमेज

  1. चीन ने वेस्टर्न मार्केट को समझकर उनकी वैल्यू चेन में अपनी दखलअंदाजी सुनिश्चित की.
  2. मीडिया रिपोर्ट्स के ताबिक चीन ने सस्ती मैन्यूफैक्चरिंग की ताकत दिखाई और वह वर्ल्ड की फैक्टरी बन गया.
  3. चीन ने जहां पश्चिम की टेक्नोलॉजी का इंडस्ट्रियल स्केल पर इस्तेमाल किया, वहीं घरेलू स्तर पर इनके विकास के लिए भारी मात्रा में निवेश भी किया.
  4. चीन ने पश्चिम की टेक्नोलॉजी कंपनियों को अपने यहां मैन्युफैक्वचरिंग करने का विकल्प दिया और इससे उसे भी वैसी ही टेक्नोलॉजी हासिल करने में मदद मिली.
  5. चीन ने इनोवेशन के लिए जमीन तैयार की और अलीबाबा, टेंसेंट और शाओमी जैसे कंपनियों ने पश्चिम की टेक्नोलॉजी को सस्ती कीमत पर दुनिया तक पहुंचाया.
  6. चीन ने वेस्टर्न देशों के WhatsApp जैसे एप का चीनी वर्जन WeChat, Google की जगह Baidu, Quora की जगह Zhihu और Instagram की जगह Xiaohongshu जैसा वर्जन तैयार किया.
  7. चीन ने WeChat को एक सुपर ऐप में कन्वर्ट किया. उसे सोशल मीडिया और पेमेंट से जोड़ा. आज दुनिया की ज्यादातर कंपनियां सुपर ऐप के ट्रांजिशन पर ही काम कर रही हैं.
  8. चीन ने अपनी बड़ी आबादी को साइंस और मैथ्स (STEM) जैसे सब्जेक्ट पढ़ने के लिए भी प्रेरित किया. इससे उसके यहां स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार हुई.

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