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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद चलकर आए

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद चलकर आए

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों जी7 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी के दौरे पर हैं। इस दौरान भारत के बढ़ते कद का एक शानदार नजारा देखने को मिला। जिस अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए दुनियाभर के मुल्कों के राष्ट्राध्यक्ष महीनों का इंतजार करते हैं, वे पीएम मोदी से हाथ मिलाने खुद दौड़े आएं। पीएम मोदी जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से बात कर रहे थे, इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन उनसे मिलने के लिए खुद चलकर आए। इस दौरान बाइडेन के रास्ते में कई राजनेता दिखे, लेकिन वे सीधे पीएम मोदी की तरफ ही बढ़ते रहे। उन्होंने पीएम मोदी के कंधे पर पीछे से हाथ रखकर अपनी मौजूदगी का अहसास कराया, जिसके बाद दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर एक दूसरे का अभिवादन किया।

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भारत के बढ़ते कद का परिचायक है बाइडेन का यह ऐक्शन
दुनिया के शीर्ष 7 आर्थिक महाशक्तियों के सम्मेलन में जो बाइडेन के इस ऐक्शन पर जमकर चर्चा हो रही है। लोगों का मानना है कि यह भारत के बढ़ते वैश्विक कद का प्रतीक है। भारत ने रूस-यूक्रेन संकट, कोविड महामारी और दूसरे मसलों में जैसी कूटनीति की है, उसका अमेरिका भी कायल है। यही कारण है कि जो बाइडेन पीएम मोदी को इतना महत्व देते नजर आ रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अपने कार्यकाल के दौरान बाइडेन से एक मिनट फोन पर बात करने के लिए मिन्नते करते करते थक गए, लेकिन उन्हें अमेरिका ने भाव तक नहीं दिया।

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रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की कूटनीति ने किया जबरदस्त असर
यूक्रेन पर रूस के हमले के दौरान जब पूरी दुनिया अलग-अलग ध्रुवों की तरफ खुलकर आ रही थी, उस दौरान भारत ने संतुलन को बनाए रखा। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की वापसी हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की बौछार। भारत ने हर मुद्दे पर बखूबी काम किया और अपना रुख बिलकुल साफ रखा। यही कारण है कि यूक्रेन से भारतीय सैनिकों की सुरक्षित वापसी हो पाई और रूस के साथ संबंध भी मजबूत बने रहे। भारत ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद रूस से भारी मात्रा में तेल आयात किया और अमेरिका को भी इससे कोई परेशानी नहीं हुई।

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