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राजस्थान के कोटा शहर के पुरानी साबरमती कॉलोनी में एक दिल दहलाने देने वाली घटना सामने आई है. कॉलोनी में मॉर्निंग वॉक पर निकले एक बुजुर्ग पर सांड ने जानलेवा हमला कर दिया जिसमें बुजुर्ग की मौत हो गई. सांड ने बुजुर्ग को देखकर उसे पहले सींगों में उठाकर फेंका और बुजुर्ग के नीचे गिरने के बाद भी वह लगातार हमला करता रहा. वहीं आसपास मौजूद लोगों ने सांड को पत्थर से मार कर भगाया और बुजुर्ग को इलाज के लिए एक निजी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जानकारी मिली है कि अत्यधिक खून बहने से बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया. घटना 18 दिसंबर सुबह 6 बजे की बताई जा रही है जहां दिल दहलाने देने वाली यह घटना गली में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई.
घटना के बाद मृतक के बेटे रघुवीर ने जानकारी दी कि उसके पिता महेश चंद्र (62) सरकारी स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद से रिटायर हुए थे और वह हप दिन मॉर्निंग वॉक पर जाते थे. बीते 18 दिसंबर को जब वह घूमने निकले तो घर से 10-15 कदम की दूरी पर एक सांड ने उन पर हमला कर दिया जिसमें उनकी मौत हो गई.
चेहरे के आर-पार हो गया सांड का सींग
वहीं सांड ने सींगों से बुजुर्ग पर हमला बोला जिसके बाद वहां से गुजर रहे कुछ लोगों ने पत्थर फेंककर सांड को भगाया और घर आकर सूचना दी. बुजुर्ग को इसी दौरान घायल हालात में निजी हॉस्पिटल ले कर जाया गया जहां खून ज्यादा बहने से उनकी मौत हो गई. रघुवीर ने बताया कि उनके नीचे गिरने के बाद पिता ने सांड से बचने की कोशिश भी की थी और सांड के दोनों सींग पकड़ लिए.
इसके बाद सांड ने उन्हें उठाकर थोड़ी दूर फेंक दिया और सांड का सींग उनके चेहरे के आर-पार हो गया और बायीं आंख तक बाहर आ गई. बताया जा रहा है कि मृतक के परिजनों को नियमानुसार राज्य सरकार की मदद से आर्थिक सहायता दिलवाने के लिए कलेक्टर को एक पत्र लिखा गया है.
कैसे होगा कोटा कैटल फ्री!
गौरतलब है कि प्रदेश की पहली पशुपालक आवास योजना 19 जून को शुरू हुई थी जिस पर 300 करोड रुपए खर्च किए गए लेकिन इसके बावजूद 5 महीने बाद भी शहर की सड़कों पर पशुओं का जमावड़ा लगा हुआ रहता है. इस घटना के बाद कोटा दक्षिण नगर निगम के महापौर राजीव अग्रवाल का कहना है कि मुख्य सड़क पर इस तरह के एक्सीडेंट का ज्यादा खतरा रहता है, हालांकि निगम की टीम हर दिन मेन सड़क से 25 से 30 आवारा पशु पकड़ रही है. वहीं अब हादसे के बाद कॉलोनी से आवारा पशुओं को पकड़ने के निर्देश दिए गए हैं.