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सीमा सुरक्षा बल के सेवानिवृत्त महानिदेशक पंकज कुमार सिंह को मंगलवार को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया गया है. सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में इस पद पर दो साल के लिए नियुक्त किया गया है. सिंह बीएसएफ के डीजी पद से दिसंबर को रिटायर हो गए थे. जानकारी के लिए बता दें कि पंकज कुमार सिंह राजस्थान कैडर के 1988 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हैं जहां रिटायरमेंट के बाद मोदी सरकार ने उन्हें डिप्टी एनएसए बनाया गया है. मालूम हो कि वर्तमान में अजित डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. पंकज कुमार सिंह 31 दिंसबर 2022 को सेवानिवृत्त हुए थे. सिंह का राजस्थान कनेक्शन इसलिए अहम है क्योंकि पिछली वसुंधरा सरकार के दौरान राज्य में गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आग भड़की थी और इस दौरान दर्ज किए गए मामलों को सुलझाने में सिंह की अहम भूमिका बताई जाती है. बता दें कि सिंह इससे पहले केंद्र सरकार के साथ छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जनरल के पद पर काम कर चुके हैं.
राजस्थान पुलिस में निभाई अहम भूमिकाएं
दरअसल यूपी के लखनऊ के रहने वाले पंकज कुमार सिंह राजस्थान पुलिस में अहम पदों पर रहे हैं. वह अलवर, जोधपुर, भीलवाड़ा, कोटा शहर, जयपुर ग्रामीण और धौलपुर जिले के एसपी रह चुके हैं. इसके अलावा सिंह ने एडीजी क्राइम और एडीजी ट्रैफिक जैसे अहम पदों पर भी अपनी सेवाएं दी हैं. सिंह बीते साल 31 दिसंबर 2022 को बीएसएफ प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे और उन्होंने 31 अगस्त 2021 को बीएसएफ की कमान संभाली थी.
पिता भी रहे हैं बीएसएफ के मुखिया
बता दें कि पंकज कुमार सिंह के पिता और 1959 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी प्रकाश सिंह भी जून 1993 से जनवरी 1994 तक बीएसएफ के मुखिया रहे हैं. वहीं प्रकाश सिंह को देश में पुलिस सुधारों का सूत्रधार कहा जाता है जिन्होंने 1996 में पुलिस महकमे में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सिंह की याचिका के बाद ही फैसला आया और सरकार ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख, सीबीआई, विदेश सचिव, रॉ प्रमुख और केंद्रीय गृह सचिव का कम से कम 2 साल का निश्चित कार्यकाल तय किया.
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी है सिंह
सिंह केंद्र में कई अहम भूमिकाओं में रहे हैं जहां इससे पहले केंद्र सरकार के साथ छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक और दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय में आईजी (संचालन) के रूप में कार्य किया था. वहीं उन्होंने दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय में आईजी (संचालन) के रूप में भी काम किया है. सिंह ने ईस्टर्न फ्रंटियर के चीफ के रूप में पश्चिम बंगाल और असम की सीमाओं के माध्यम से मवेशियों की तस्करी को कम करने में अहम भूमिका निभाई थी. बताया जाता है कि उनकी सक्रिय भूमिका के कारण ही 2015 से 2021 के बीच भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी में 87 फीसदी की कमी आई थी.