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6 राज्यों की पुलिस-जेल और कठोरतम कानून, फिर भी 500 गुंडों का गैंग लीडर बिश्नोई बेकाबू

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एक दशक के दौरान जब-जब देश दुनिया में कहीं भी किसी भारतीय गैंगस्टर या गुंडे का जिक्र होता है, तो सबसे पहले नाम लिया जाता है ‘लॉरेंस बिश्नोई‘ का. छरहरे बदन, पतली-दुबली कदकाठी का आम सा लड़का दिखाई देने वाला वही लॉरेंस बिश्नोई, जो कभी हुआ करता था कॉन्वेंट स्कूल का छात्र. क्राइम की दुनिया में पांव रखा तो आज बंद है तिहाड़ जेल में. आइए जानते हैं हिंदुस्तान के इस बदमाश नंबर-1 की तबाह जिंदगी के छेदों में से झांकती उसके खौफ की बदरंग दुनिया को. यह वही लॉरेंस बिश्नोई है, जिसने जेल के भीतर बैठे-बैठे ही ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दिलवाकर, खाकी और इसके दुश्मन गैंग्स को पनाह मंगवा रखी है. मतलब, जेल की जिन सलाखों के नाम से अच्छे-अच्छों को कहते हैं पसीना आ जाता है. उन मजबूत सलाखों के भीतर भी लॉरेंस बिश्नोई की सेहत पर कभी कोई विपरीत असर नहीं पड़ा है. जेल के भीतर बैठे-बैठे ही 29 मई 2022 को पंजाब के माना में मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को दिन दहाड़े सर-ए-राह गोलियों से भुनवा डालने की कुव्वत भी इसी खूंखार अपराधी ने दिखाई थी.

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30 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में आया

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महज 30-32 साल का लॉरेंस बिश्नोई संगठित अपराध की दुनिया में बहुत तेजी से अपना प्रभाव बढ़ा चुका है. देश के कई राज्यों की पुलिस और विरोधी गैंग्स से लॉरेंस बिश्नोई और उसके गुर्गों का इतनी बार आमना-सामना हो चुका है, कि अब उसने इन सबसे डरना छोड़ दिया है. अब पुलिस और विरोधी गुंडे लॉरेंस बिश्नोई से खौफ खाते हैं. पुलिस की हालत यह है कि वो जेल में बंद इस मास्टरमाइंड इंटरनेशनल अपराधी को एक बार अपनी कस्टडी में लेने से पहले सौ-सौ बार सोचती है. इस बात को लेकर कि कहीं यह कस्टडी से भाग न जाए. कहीं पुलिस कस्टडी में इसके दुश्मन गैंग इसे ठिकाने न लगा दें. हिंदुस्तान के बाहर कई देशों में मौजूद अपने गुर्गों की मदद से, बड़े से बड़े ऑर्गेनाइज्ड क्राइम को अंजाम दिलवाने में आज इसका कोई दूसरा सानी नहीं बचा है, कहें तो अनुचित नहीं होगा. इसके खौफ का आलम यह है कि देश के अलग अलग राज्यों में अपनी अपनी चौधराहट जमाए बैठे कई कुख्यात गैंगस्टरों और उनकी बदमाश कंपनियों ने तक इसके सामने सरेंडर कर दिया. सिर्फ इस उम्मीद में कि अगर लॉरेंस बिश्नोई और उसके गुंडों की गोलियों से जिंदा रह लिए तो, बदमाशी की दुनिया में थोड़ा बहुत ही सही खा-कमा लेंगे. गोलियों से भून डाले गए तो क्या करेंगे.

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दाऊद के दुश्मन के साथ उठना-बैठना

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आर्गेनाइज्ड क्राइम का इंटरनेशनल मास्टरमाइंड माने जाने वाले इसी लॉरेंस बिश्नोई के बारे में, हिंदुस्तानी खुफिया एजेंसियों ने तो यहां तक जानकारी जुटा ली हैं कि, इसका महाराष्ट्र के अरुण गवली गैंग से अच्छा उठना-बैठना है. वहीं, अरुण गवली जो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को फूटी आंख नहीं सुहाता है. हिंदुस्तान में आज की तारीख में जिंदा मौजूद गैंगस्टर्स की ओर नजर उठाकर देखो तो, हाल-फिलहाल तो लॉरेंस बिश्नोई का कोई गुरु न तो जेल के बाहर दिखाई पड़ रहा है और न ही हिंदुस्तानी जेलों के भीतर. इस पर भी, पुलिस सूत्रों की माने तो सिद्धू मूसेवाला को ठिकाने लगवाने के बाद से तो मानो लॉरेंस बिश्नोई के हाथ गुंडों की दुनिया का हीरा ही लग चुका हो. जेल की सलाखों के भीतर से ही बैठकर जबरन वसूली करने कराने के लिए बदनाम, लॉरेंस बिश्नोई पर कुछ वक्त पहले एक राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम, दो-दो पूर्व विधायक को धमकी देने तक के आरोप इसी लॉरेंस बिश्नोई पर लग चुके हैं.

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विदेशों तक फैला रैकेट, एक फोन पर कुछ भी करने को तैयार

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मूल रूप से राजस्थान राज्य का बदनाम नाम लॉरेंस बिश्नोई आज ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की खातिर, अपनी बदमाश कंपनी का विस्तार इंटरनेशनल स्तर पर कर चुका है. कनाडा, दुबई, बैंकाक, थाईलैंड, फिलिपींस सहित देशों में उसके गुंडे मौजूद हैं. जो एक फोन कॉल पर कुछ भी कर गुजरने को तैयार बैठे हैं. लॉरेंस बिश्नोई जानता है कि मीडिया के जरिए उसके खौफ की कहानियों का प्रचार प्रसार की क्या अहमियत है? इसके जेल से बाहर मौजूद उसके गुंडे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिन रात, उस्ताद जी (लॉरेंस बिश्नोई) के हथकड़ियों में जकड़ कर पुलिस कस्टडी में आते-जाते के वीडियो अपलोड करने में जुटे रहते हैं. ताकि जितना खौफ बाजार-समाज में उसका फैलेगा, बदमाश कंपनी उतना ही ज्यादा काला कारोबार हासिल करेगी.

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गैंगस्टर शेरा से प्रभावित था बिश्नोई

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लॉरेंस बिश्नोई को उसकी शुरूआत से जानने वालों की मानें तो, वह 2012 में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर शेरा खुब्बन की कथित लोकप्रियता से बेहद प्रभावित था. शेरा खुब्बन के पिता ने एक वेब चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि, वह एक बार बिश्नोई के घर गए और उसके माता-पिता से अपने बेटे पर समय पर लगाम लगाने के लिए कहकर आए थे. खुब्बन की कोर्ट में पेशी के वक्त उससे प्रभावित लॉरेंस बिश्नोई अक्सर मिलने जाता रहता था. बात अगर लॉरेंस बिश्नोई की बदमाश कंपनी के कुनबे की करें तो इसमें देश-विदेश में करीब 5 सौ से भी ज्यादा गुंडे भर्ती हैं. जिनका नेटवर्क दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल से लेकर देश के बाहर (पाकिस्तान, बैंकॉक, थाईलैंड, नेपाल, बांग्लादेश, कनाडा, दुबई) तक फैला हुआ है. कह सकते हैं इस बदमाश कंपनी का मकड़जाल इस कदर का घना बुना हुआ है जिसके अंदर जो गया, वो फिर कभी जिंदा वापिस नहीं लौट सका.

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सलमान खान को मारने की ली थी सुपारी

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के लोधी कालोनी स्थित दफ्तर में बीते साल हुई पूछताछ में लॉरेंस बिश्नोई ने उगला था कि, गैंगस्टर काला जठेड़ी का गुरु नरेश शेट्टी ही वो शख्स है जिसे, सलमान खान को मारने का प्लान लॉरेंस ने सौपा था. झज्जर (हरियाणा) निवासी गैंगस्टर नरेश शेट्टी साल 2020 में जनवरी महीने में इसके लिए कई दिन तक मुंबई में डेरा डाले रहा. कई बार सलमान खान के घर की रेकी की ताकि जब सलमान साइकलिंग के लिए अपने घर से बाहर निकलें तो, उन्हें टारगेट कर सके. नरेश शेट्टी ही इस बदमाश कंपनी का वो गैंगस्टर है, जिसने कभी काला जठेड़ी को जुर्म की दुनिया के दांव-पेंच सिखाए. बाद में फरीदाबाद जेल से काला को भगाने में कामयाबी भी हासिल की.

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बीते साल स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर आदित्य ने लॉरेंस बिश्नोई और उसके गुंडों को करीब एक महीने तक पूछताछ के नाम पर छाना-खंगाला था. नरेश शेट्टी और सम्पत नेहरा से पूछताछ की. तब जरायम की एक ऐसी दुनिया का पर्दाफाश हुआ था जिसमें अकेले लॉरेंस बिश्नोई गैंगस्टर के गैंग में 100, 200 नहीं बल्कि 600 शार्प शूटर शामिल होने के राज का खुलासा हो सका था. लॉरेंस बिश्नोई के निशाने पर न केवल सलमान खान बल्कि, पंजाब के चार सुपर-डुपर पंजाबी सिंगर भी हैं. लॉरेंस बिश्नोई के निशाने पर अवैध वसूली के नजरिए से जो सिंगर हैं, उनके नाम टीवी9 भारतवर्ष के पास मौजूद हैं. उनकी सुरक्षा और निजता के लिहाज से मगर यहां नाम उजागर करना उचित नहीं है.

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बिश्नोई पर 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज

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22 फरवरी साल 1992 को पंजाब के फाजिल्का में इस कुख्यात गैंगस्टर का जन्म हुआ था. इतनी कम उम्र के लॉरेंस बिश्नोई के ऊपर 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज माने जाते हैं. पारिवारिक पृष्ठभूमि भी इसकी मजबूत रही है. ऐसा भी नहीं था कि गरीबी-भुखमरी दूर करने के लिए यह लड़का बदमाश कंपनी का मालिक बनने को उतावला रहा हो. चंडीगढ़ विश्वविद्यालय का बर्बाद छात्र साबित होने वाला यह गुंडा कभी, छात्र संघ का चुनाव तक लड़ चुका है. उस चुनाव में हार का सामना हुआ, तो फिर वो बौखला उठा. यह बदमाश कितनी बार किस किस जेल में बंद होगा इसका पता पुलिस और इसके अलावा शायद ही किसी और को सही सही याद हो. फिरौती वसूली, लूट, डकैती और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के लिए यह गैंग कुख्यात है. लॉरेंस बिश्नोई पर मकोका जैसा कठोर कानून भी लगा हुआ है. ताकि वो किसी भी तरह से जेल की सलाखों से बाहर निकल ही न सके.

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कहते हैं कि लॉरेंस बिश्नोई को जरायम की दुनिया के दांव-पेंच जग्गू भगवानपुरी ने सिखाए. पंजाब के भगवानपुर का रहने वाला यह गैंगस्टर भारत का सबसे अमीर गैंगस्टर में शुमार माना जाता रहा है. पंजाब की राजनीति और पंजाब के अपराध में में जग्गू का नाम और काम सबकी नजरों में आज भी बदनाम है. बीते साल इसी जग्गू की निशानदेही पर दो करोड़ की कीमत के हथियार पंजाब में बरामद किए गए थे. जग्गू भी एशिया की उसी बदनाम तिहाड़ जेल में बंद है, जहां उसका चेला लॉरेंस बिश्नोई कैद है. कहते हैं कि जग्गू बिश्नोई गैग्स को हथियार, पैसा और पावर मुहैया करवाने की इंसानी मशीन है. जग्गू के अलावा इस गैंग को खड़ा करने में नरेश शेट्टी, सम्पत नेहरा और मर चुका गैंगस्टर सुक्खा का ही हाथ रहा है. पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली की जेलों से इस गैंग और उसके गुंडों का अक्सर संबंध बना ही रहा है. इन राज्यों की जेलों में आज भी इस गैंग के तमाम कुख्यात शार्प शूटर बेड़ियों में जकड़े पड़े हैं.

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दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो ट्रेवल ऐजेंट, कई अस्पतालों के मालिक, स्वर्णकार, गुटका व्यवसायी, ड्रग माफिया , बड़े ट्रैलर, शराब कारोबार और रेस्टोरेंट मालिक भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हमेशा बने रहते हैं. सिर्फ इस उम्मीद में कि उनसे धमका कर प्रोटेक्शन मनी आसानी से वसूली जा सकती है. इस बारे में टीवी9 भारतवर्ष से विशेष बातचीत में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के रिटायर्ड डीसीपी और मशहूर एनकाउंटर स्पेशलिस्टों में शुमार एलएन राव कहते हैं, “लॉरेंस बिश्नोई की गर्दन या नब्ज अगर शुरुआत में ही दबोच ली गई होती तो वो इतना बदनाम बदमाश आज के दौर में बन ही नहीं सकता था. इसे काबू करने वालों से ज्यादा तादाद हमेशा इसे आगे बढ़ाने वालों की रही. लिहाजा इस किस्म के बदमाश आमजन और कानून के लिए ही सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होते हैं. सो लॉरेंस बिश्नोई भी अगर ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की दुनिया में आज सबको पानी पिला रहा है तो इसमें हैरत की क्या बात है? पुलिस और कानून के पास पावर है क्यों नहीं दोनो मिलकर (पुलिस और कानून) काबू कर लेते हैं इसे. ऐसा करने की ईमानदार कोशिश तो हो.”

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