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‘मन की बात’ से होगा निकाय चुनाव का प्रचार? मेगा एपिसोड वाले दिन राज्यपाल करेंगी 71 लोगों का सम्मान

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लखनऊ: चुनाव प्रचार के मामले में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के प्रचार तंत्र का कोई मुकाबला नहीं है. विपक्षी पार्टियां जहां जनता से जुड़े सवाल को चुनावी मुद्दा नहीं बना पा रही. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ अपने ऊपर लगे चुनाव प्रचार के प्रतिबंध को मुद्दा बना देते हैं. बीते कई चुनावों के दौरान यूपी की जनता ने यह देखा भी है. इसी क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम को निकाय चुनाव के प्रचार में चुनाव का एक इवेंट बनाने में जुट गए हैं. इसके चलते अब इसी 30 अप्रैल को योगी सरकार ने मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को भव्यता के साथ पूरे प्रदेश में प्रचारित प्रसारित करने का फैसला किया है. यही नहीं इसी दिन राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी इस कार्यक्रम में यूपी के जिन 71 लोगों का अब तक जिक्र हुआ है, उन सभी को सम्मानित करेंगी. इन सभी लोगों को जिलों से लखनऊ बुलाया जा रहा है. योगी सरकार के इस प्रयास को तमाम समाजशास्त्री चुनावी कवायद से जोड़ कर देख रहे हैं.

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“मन की बात” कार्यक्रम जनता तक पहुंच बनाने का बना माध्यम

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पीएम मोदी का “मन की बात” का कार्यक्रम जहां सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का माध्यम बना है, वहीं, जनता तक बीजेपी की सियासी जमीन मजबूत करने का भी जरिया बना है. केंद्र सरकार और बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100 एपिसोड को ज्यादा से ज्यादा तक लोगों को सुनाना चाहते हैं. इसके लिए बीजेपी के नेता हर राज्य में अपने आवास या पार्टी कार्यालय में जनता के साथ इस कार्यक्रम के प्रसारण को सुनने इसके व्यवस्था करने को कहा गया है. यूपी के भी हर जिले में पार्टी के सांसद, विधायक और पार्टी पदाधिकारी भी 30 अप्रैल को क्षेत्र के लोगों के साथ इस कार्यक्रम को सुनेंगे.

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हर विधानसभा में 100 जगहों पर सुना जाएगा कार्यक्रम

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इस सोच के तहत पीएम नरेंद्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम के 100वें एपिसोड के प्रसारण को यूपी में खास बनाने की योजना बनी है. बीजेपी नेताओं अनुसार,”मन की बात” कार्यक्रम को जनता के बीच प्रसारित करने के लिए संगठनात्मक स्तर पर यूपी के 55 हजार से अधिक स्थानों पर उसको जनता के साथ बैठकर सुनने की योजना तैयार की गई है. शहरी निकायों में बूथ स्तर पर इसका आयोजन होगा. तय हुआ है कि यूपी की हर विधानसभा में कम से कम 100 स्थानों पर “मन की बात” सुनने के कार्यक्रम होंगे. कहा जा रहा है कि निकाय चुनाव के बीच हो रहे “मन की बात” कार्यक्रम से शहर की सियासत साधा जाएगा. लोगों को बताया जाएगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाज में अच्छा कार्य करने वाले व्यक्ति का अपने “मन की बात” कार्यक्रम में जिक्र करते हैं. लोगों के सुझावों को शामिल करते हैं. भाजपा के नेताओं के अलावा अन्य दलों का कोई नेता ऐसा नहीं करता. इसके चलते ही पीएम नरेंद्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम के अब तक प्रसारित हुए 99 एपिसोड में यूपी के 71 लोगों को का जिक्र हुआ है.

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PM मोदी के विचारों का प्रचार प्रसार BJP के लिए लाभकारी

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फिलहाल पीएम नरेंद्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम को यूपी में भव्यता के साथ यूपी के हर जिले में प्रचारित प्रसारित करने को लेकर समाजसेवी और पत्रकार संदीप पांडे चुनाव प्रचार की कवायद बता रहे हैं. वह कहते हैं कि यूपी में निकाय चुनावों के दौरान “मन की बात” कार्यक्रम में पीएम मोदी के विचारों का प्रचार प्रसार भाजपा के लिए लाभप्रद साबित होगा. वैसे भी यह कार्यक्रम देश और प्रदेश में सुना जाता है और इसमें जिन लोगों के कार्यों का उल्लेख किया जाता है, वह बीजेपी के समर्थक बन जाते हैं. यहीं वजह है कि सीएम योगी “मन की बात” कार्यक्रम को चुनाव प्रचार का हिस्सा बनाते हुए इसे एक इवेंट बनाने का प्रयास कर रहे हैं. लखनऊ के एक बड़े अखबार में संपादक रह चुके कुमार भवेश भी मानते हैं कि सूबे के लोगों को अपने पक्ष करने के लिए योगी सरकार “मन की बात” कार्यक्रम को अतरिक्त महत्व दे रही है.

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काशी से शुरू हुआ था “मन की बात” कार्यक्रम

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‘मन के बात’ कार्यक्रम की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 को काशी से सांसद नरेंद्र मोदी ने रेडियो के जरिए की थी. इस कार्यक्रम के पहले एपिसोड में पीएम मोदी ने मेरठ के गौतम पाल का उल्लेख कर यूपी को स्थान दिया था. गौतम पाल ने दिव्यांग बच्चों की बेहतरी के लिए नगर पालिका, महानगर पालिका और पंचायतों में विशेष योजनाओं पर ध्यान देने का सुझाव दिया था. एक एपिसोड में कानपुर के अखिलेश वाजपेयी ने टिकट बुकिंग में आईआरसीटीसी वेबसाइट पर दिव्यांग कोटा प्रदर्शित करने का सुझाव दिया था, इसे भी अमल में लाया गया. पीएम के इस कार्यक्रम के जरिए ही नदियों के पुनरुद्धार को लेकर आईएएस अधिकारी कंचन वर्मा द्वारा किए जा रहे प्रयासों को पहचान मिली थी. पीएम के इस कार्यक्रम में यूपी की 13 संस्थाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों का भी जिक्र हुआ है. रामपुर की पटवाई ग्राम सभा की प्रधान नसीम बानो द्वारा गंदगी से घिरे तालाब को नया जीवन देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी सराहना ही थी. भाजपा नेताओं के अनुसार प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी से लेकर प्रयागराज तक की विशेषताओं को मोदी ने मन की बात में गिनाया हैं और पश्चिम से लेकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड और अवध तक के लोगों के अच्छे काम और सुझाव इस कार्यक्रम में शामिल किए गए हैं. अब यूपी के ऐसे तमाम लोगों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 30 अप्रैल को सम्मानित करेंगी.

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