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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ऐसे खतरनाक गैंग का भंडाफोड़ किया है जो, आमजनो को घटिया आयुर्वेदिक दवाओं की काला-बाजारी करता था. इस काम के लिए गैंग ने तीन अलग अलग जगहों पर कॉल-सेंटर खोले थे. इस गैंग ने अब तक 6 हजार से ज्यादा लोगों से करीब 1.94 करोड़ रुपए की रकम उन्हें चपत लगाकर ऐंठ ली है. इस मामले में मारे गए छापों के दौरान पुलिस टीमों ने 10 मास्टरमाइंड ठगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार ठगों में एक ठग एअरटेल कंपनी का कर्मचारी भी है.नई दिल्ली में मंगलवार को टीवी9 से बात करते हुए यह जानकारी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी (IFSO BRANCH DELHI POLICE SPECIAL CELL) प्रशांत गौतम ने दी. डीसीपी के मुताबिक, गिरफ्तार ठगों का नाम विकास पाल (25, निवासी स्वरूप नगर, दिल्ली), सोनू पाल (26, निवासी स्वरूप नगर दिल्ली), राहुल सिंह (26, बाराबंकी, यूपी), समर (29, निवासी, बाराबंकी यूपी), उग्रसेन सिंह (34, निवासी बाराबंकी, यूपी), जितेंद्र कुमार सिंह (32, निवासी बाराबंकी, यूपी), रोहित सिंह (24, निवासी बहराइच यूपी), सतीश सिंह (26, निवासी लखीमपुर खीरी, यूपी), राजेश सिंह (25, निवासी विकास नगर, हनुमान चौक, दिल्ली) और आशुतोष कुमार (निवासी पश्चिम विहार दिल्ली) हैं. इस गैंग के कब्जे से 42 मोबाइल फोन, 7 लैपटॉप, घटिया क्वालिटी की आयुर्वेदिक दवाइयों का भंडार भी मिला है. डीसीपी स्पेशल सेल प्रशांत गौतम ने आगे कहा, “इस जानलेवा गैंग का मास्टरमाइंड गिरफ्तार राहुल सिंह है. वो इंदिरा नगर लखनऊ में फर्जी कॉल सेंटर भी चलाता था. इस कॉल सेंटर में गिरफ्तार ठग उग्रसेन, समर सिंह, जितेंद्र सिंह की साझेदारी थी. इन ठगों को डाटा मुहैया कराने का खतरनाक काम करता था एअरटेल कर्मचारी गिरफ्तार राजेश सिंह.
कमीशन लेकर बेचा जा रहा था डेटा
60 फीसदी कमीशन पर यह डाटा दिल्ली के विकास पाल के जरिए बेचा जाता था. यह गैंग तीन-तीन फर्जी कॉल सेंटर्स के जरिए अपने जाल में लोगों को यह झांसा देकर फांसता था कि, वो आयुर्वेदिक दवाइयां बेहद सस्ते दामों पर उपलब्ध कराते हैं. जबकि पुलिस की जांच में यह दवाइयां बेहद घटिया क्वालिटी की और जानलेवा सिद्ध हुईं.” इस बड़े गैंग को तबाह करने के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (आईएफएसओ ब्रांच) ने कई टीमें गठित की थीं. इन टीमों का सुपरवीजन दिया गया था सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) जय प्रकाश को. टीमों में शामिल किेए गए पुलिसकर्मियों में थे दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल आईएफएसओ ब्रांच द्वारका के इंस्पेक्टर अवधेश, सब इंस्पेक्टर सोनम जोशी, सब इंस्पेक्टर हरजीत, सहायक उप-निरीक्षक नीरज पांडेय, सुरेंद्र राठी, हवलदार धर्मेंद्र, हवलदार मोहित, राजेश, प्रदीप (तीनों हवलदार), सिपाही राकेश, दर्शन व हिमांक.
मोबाइल कॉल डिटेल से फूटा भांडा
इन गैंग का भांडा फूटा इन ठगों की मोबाइल कॉल डिटेल से. इस गैंग के बैंक खाते लखनऊ और दिल्ली में खुले मिले हैं. गैंग ने लखनऊ (इंदिरा नगर और जानकीपुरम) व दिल्ली के स्वरुप नगर इलाके में तीन अलग अलग फर्जी कॉल सेंटर खोले थे. इन्हीं कॉल सेंटर के जरिए सस्ती आयुर्वेदिक दवाइयों को लालची या कहिए इच्छुक लोगों को यह गैंग फांसता था. डीसीपी स्पेशल सेल आईएफएसओ ब्रांच आईपीएस प्रशांत गौतम के मुताबिक, “इस गैंग को लेकर Unayur Marketing Pvt Ltd (UMPL) के एडमिन अधिकारी सचिन दहिया ने शिकायत दर्ज करवाई थी. जांच में सामने आया है कि यह गैंग अब तक 6 हजार 372 लोगों से करीब 1.94 करोड़ की ठगी कर चुका है. यह ठगी साल 2017 से जारी थी. इस मामले में 28 मार्च 2023 को मुकदमा दर्ज हुआ था.”