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कोई इन-कोई आउट, 2024 के लिए BJP की नई टीम का ऐलान, हुए ये 10 बड़े बदलाव

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अगले साल लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए आज बीजेपी में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा बदलाव किया गया है. अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनावों को ध्यान में रखते हुए अपनी टीम बना ली है. नई टीम में कुल 10 पदों पर बदलाव किया गया है. इससे पहले अध्यक्ष नड्डा ने राज्य इकाइयों में बदलाव का ऐलान किया था. राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं. इन राज्यों पर खासतौर से फोकस किया गया है. एक नजर डालते हैं कि बीजेपी अध्यक्ष की नई टीम में बदलावों में क्या है खास? बीजेपी संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद राष्ट्रीय महासचिव में तीन नेताओं को हटाया गया है. दो नए चेहरों को जगह दी गई है. एक महासचिव पद अब भी खाली रखा गया है. जो तीन महासचिव हटाए गए हैं उनमें ये नाम शामिल हैं:

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  1. सीटी रवि : जबकि हाल में ही कर्नाटक चुनाव में विधानसभा चुनाव हारे सीटी रवि को केंद्रीय टीम से हटाया गया है. सीटी रवि कर्नाटक में वोकल्लिगा समाज से आते हैं. बताया जा रहा है कि सीटी रवि को जल्द कर्नाटक की टीम में कोई महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है.
  2. डी पुरुंदेश्वरी : हटाए गए महासचिवों में डी पुरंदेश्वरी को हाल में ही आंध्र प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. उनको सूबे की राजनीति में बीजेपी के जड़ को मजबूत करने का काम दिया गया है.
    1. दिलीप सैकिया : असम से आने वाले दिलीप सैकिया को भी महासचिव पद से हटाकर उनका कद छोटा किया गया है. दिलीप सैकिया महासचिव बने तब से उनके पास किसी राज्य का प्रभार नहीं था और शुरुआत से ही राज्य की राजनीति के तरफ ज्यादा आमुख रहे.

    दो नए राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए उनके नाम हैं:

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    1. संजय बंदी : संजय बंदी को बीजेपी में महासचिव बनाकर उनका कद बड़ा कर दिया गया है. कुछ हफ्ते पहले तक संजय तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष थे लेकिन उनका कार्यकाल खत्म होने और सूबे की राजनीति में उनके खिलाफ लामबंदी की वजह से संजय को हटाकर उनके जगह जी किशन रेड्डी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. तेलंगाना में बीजेपी की जड़ों को मजबूत करने में संजय की भूमिका की सराहना हाल में दिल्ली में हुए बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.
    2. राधामोहन अग्रवाल : यूपी के गोरखपुर से आने वाले जुझारू नेता माने जाने वाले राधामोहन फिलहाल केरल के सह प्रभारी हैं. माना जा रहा है की अग्रवाल के कद को बढ़ाकर बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के बनिया वर्ग को साधने और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैलेंस करने की कोशिश की है. अग्रवाल और यूपी के मुख्यमंत्री की अदावत पुरानी है.

    इस तरह से आज जारी नई सूची में कुल 8 महासचिव बनाए गए हैं, जबकि एक पद अभी भी खाली है. सामान्य तौर पर बीजेपी के 9 राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाते हैं. वहीं बात करें उपाध्यक्ष पद में परिवर्तन की तो इसमें भी तीन नेताओं को हटाया गया है और चार नए नेताओं को मौका दिया गया है. हटाए गए तीन राष्ट्रीय उपाध्यक्षों में इन प्रमुख नेताओं के नाम शामिल हैं:

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    1. राधामोहन सिंह : बिहार के पश्चिमी चंपारण से सासंद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह फिलहाल यूपी के प्रभारी थे उनको जेपी नड्डा की नई टीम में जगह नहीं मिली है. बताया जा रहा है कि उनके स्वस्थ और आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयारी के वजह से उनको संगठन के दायित्व से मुक्त किया गया है.
    2. दिलीप घोष : पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष रहे दिलीप घोष को फिलहाल अपने लोकसभा क्षेत्र पर फोकस करने को कहा गया है. मौजूदा बीजेपी बंगाल यूनिट के साथ घोष के लगातार कन्फ्रंट करने से काफी नाराज थी.
    3. भारती शियाल : गुजरात से आने वाली सासंद भारती बेन शियाल को पार्टी की गतिविधियों में रुचि कम देखी गई थी.

    बीजेपी ने आज चार राष्ट्रीय उपाध्यक्षों के नाम का भी ऐलान किया है. इनमें चार नेताओं के नाम शामिल हैं:

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    1. लक्ष्मीकांत वाजपेई : बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत बाजपेई को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव रहा है. प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पार्टी को जातिमान रखने और कार्यकर्ताओं के हमेशा सुलभ रहने वाले वाजपाई को नई भूमिका देकर पार्टी ने यूपी के जातीय समीकरण को साधने की भी कोशिश की है.
    2. तारिक मंसूरी : मुस्लिम समुदाय से तारिक मंसूर को पार्टी ने उपाध्यक्ष बनाकर अल्पसंख्यक समुदाय खासकर पसमांदा समाज से जुड़ाव का एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की गई है. तारिक मंसूर फिलहाल यूपी में एमएलसी हैं और पूर्व में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के वीसी भी रह चुके हैं. वह प्रैक्टिकल और प्रागमैटिक नेता माने जाते हैं.
    3. सरोज पांडे : सरोज पांडे विधानसभा चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ से हैं और उनको संगठन में काम करने का लंबा अनुभव रहा है. अमित शाह के अध्यक्ष रहते हुए उनकी टीम में सरोज पांडे महासचिव रहीं महाराष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण राज्य की प्रभारी भी रहीं.
    4. लता उसेंडी : लता उसेंडी छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार में मंत्री रहीं जो अब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम में आदिवासी समूह की प्रतिनिधित्व करेगी. एक तरह से देखें तो रमन सिंह से लेकर सरोज पांडे और लता उसेंडी तक चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ से बीजेपी की राष्ट्रीय टीम में तीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिए गए हैं.

    वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की नई टीम में तीन नए राष्ट्रीय सचिव बनाए गए हैं. राष्ट्रीय सचिव के पद से तीन नेता हटाए गए हैं.

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    1. कामाख्या प्रसाद तासा : असम से राज्यसभा सांसद कामाख्या प्रसाद तासा संगठन के काम में रुचि लेते हैं. विधार्थी परिषद, युवा मोर्चा, असम प्रदेश की टीम में काम करने का अनुभव है और पेशे से कभी पत्रकार भी रहे. पूर्वोत्तर में विभिन्न जातीय समूहों में अच्छी पकड़ और चाय बागान कर्मियों में अच्छा काम रहा है.
    2. सुरेंद्र सिंह नागर : यूपी से सुरेंद्र नागर को बीजेपी राष्ट्रीय टीम में जगह देकर पश्चिमी यूपी और दिल्ली एनसीआर के आसपास के गुर्जर समाज को साधने की कोशिश की गई है.
    3. अनिल एंटोनी : हाल ही बीजेपी जॉइन करने वाले अनिल एंटोनी केरल में बीजेपी की साख बढ़ाने के काम से जुड़ेंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटोनी के पुत्र और पीएम मोदी और बीजेपी के कामों से प्रभावित होकर बीजेपी से जुड़े एंटोनी को पार्टी में प्रमुख देकर बीजेपी ने क्रिश्चियन समुदाय से जुड़ाव का भी एक संदेश दिया है.

    साथ ही जो तीन राष्ट्रीय सचिव बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम से हटाए गए हैं वो हैं :

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    1. हरीश द्विवेदी : यूपी के बस्ती से सासंद रखने वाले हरीश द्विवेदी को संगठन में काम करने का गहरा अनुभव है. युवा मोर्चा से लेकर पार्टी में मुख्य बॉडी में सचिव के तौर पर उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण सेवाए दी हैं. बताया जा रहा है द्विवेदी को पार्टी जल्दी ही कोई और महत्वपूर्ण दायित्व दे सकती है. वो फिलहाल बिहार के सह प्रभारी के तौर पर काम देख रहे थे.
    2. विनोद सोनकर : उत्तर प्रदेश के कौशांबी से सासंद और खटीक समाज के प्रमुख चेहरा के तौर पर बीजेपी संगठन में काम का विस्तृत अनुभव है. सोनकर फिलहाल त्रिपुरा के सहप्रभारी के तौर पर काम कर रहे थे.
    3. सुनील देवधर : पूर्व संघ प्रचारक रहे बतौर राष्ट्रीय सचिव देवधर फिलहाल आंध्र प्रदेश के प्रभारी थे. इससे पहले वो त्रिपुरा के भी प्रभारी रहे. देवघर को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है.

    राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष के पद से सुधीर अग्रवाल को हटाया गया है. सुधीर अग्रवाल के जगह नरेश बंसल को सह कोषाध्यक्ष बनाया गया है. सुधीर अग्रवाल को मध्य प्रदेश में कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है. घोषित सूची को देखते हुए कहा जा सकता है कि जेपी नड्डा ने अपनी पुरानी टीम पर एक बार फिर भरोसा जताया है लेकिन आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक बदलाव करते हुए सामाजिक, क्षेत्रीय कंपोजिशन बैठाने की कोशिश की है.

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