REPORT TIMES
भारतीय सेना में पाकिस्तानी नागरिकों की नौकरी के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है. सीबीआई की दलील को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूरी घटना की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने की इजाजत दे दी. सेना में फर्जी दस्तावेजों के जरिए पाकिस्तानी नागरिकों की नौकरी से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई करेगी. जस्टिस जय सेनगुप्ता ने सुनवाई के दौरान सीबीआई को यह आदेश दिया.सोमवार को सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट जस्टिस जय सेनगुप्ता की बेंच को सौंप दी है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि सीबीआई को अभी तक भारतीय सेना द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए पाकिस्तानी नागरिकों को नौकरी देने के सबूत नहीं मिले हैं.हालांकि, सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में ऐसी कुछ भर्तियां पाई गई हैं. जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि इस घटना में सरकारी अधिकारियों, खासकर केंद्र सरकार के अधिकारियों की भूमिका से अब इनकार नहीं किया जा सकता है.
सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट
राज्य सरकार ने भी पिछले निर्देश के मुताबिक आज कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी. प्रारंभिक जांच के बाद, सीबीआई ने पिछले सप्ताह बुधवार को न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की पीठ के समक्ष मामले में एफआईआर दर्ज की और जांच करने की अनुमति मांगी. इससे पहले जस्टिस राजशेखर मंथा ने सीबीआई के साथ-साथ सीआईडी को भी मामले की जांच करने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संगठनों को मिलकर काम करना चाहिए. जस्टिस मंथा ने इस घटना में पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की भी आशंका जताई थी.
याचिकाकर्ता को सुरक्षा देने का कोर्ट ने दिया आदेश
आरोप लगाया गया था कि जयकांत कुमार और प्रद्युम्न कुमार नाम के दो पाकिस्तानी नागरिक उत्तर 24 परगना के बैरकपुर के आर्मी कैंप में काम कर रहे हैं. हुगली के रहने वाले बिष्णु चौधरी नाम के शख्स ने यह शिकायत लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. आरोप है कि वे सरकारी परीक्षाओं के माध्यम से भर्ती हुए और फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरियां हासिल कीं. साथ ही इस घटना में विभिन्न सरकारी अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों के शामिल होने की भी आशंका व्यक्त की गई थी. पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान वादी बिष्णु चौधरी ने कोर्ट में सुरक्षा को लेकर आशंका जताई थी. उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि विष्णु असुरक्षा से पीड़ित हैं. इस आशंका के बाद अदालत ने उन्हें हुगली के पुलिस अधीक्षक के पास सुरक्षा के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने हुगली के पुलिस अधीक्षक को अब्दान पर दो दिन के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया.