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बिलाड़ा सीट पर जाट तय करते हैं जीत, लेकिन खुद नहीं लड़ सकते चुनाव

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राजस्थान के जोधपुर की बिलाड़ा विधानसभा सीट ग्रामीण परिवेश की सीट है. नए जिलों में अब यह क्षेत्र जोधपुर ग्रामीण के हिस्से में आ गया है. यह एसटी-एससी के लिए रिज़र्व सीट है. इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या ढाई लाख से ऊपर है. वहीं पिछले चुनावों की बात करें तो यहां कांग्रेस ने भाजपा के अर्जुन लाल को हराकर जीत हासिल की थी. इस चुनाव में जीत के अंतर 9 हजार से अधिक था. बता दें कि 2003 से इस सीट भाजपा काबिज थी. और जीत का अंतर भी बड़ा था लेकिन साल 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस भाजपा के विजय रथ को रोकने में कामयाब रही.

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सुरक्षित सीट है बिलाड़ा विधानसभा

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बिलाड़ा विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो इसका लगभग 75 फीसदी से ज्यादा हिस्सा ग्रामीण और बाकी हिस्सा शहरी है. यह विधानसभा क्षेत्र 2008 के बाद अनुसूचित जाति जन जाति के लिए आरक्षित है. इसकी 20 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और करीब एक फीसदी अनुसूचित जनजाति हैं.

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क्या हैं मुख्य मुद्दे?

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बिलाड़ा विधानसभा सीट में दो नगर पालिका, एक पंचायत समिति और तीन पंचायत समिति के कुछ हिस्से शामिल होते हैं. इसमें नगर पालिका बिलाड़ा और पीपाड़, पंचायत समिति बिलाड़ा का पूर्ण हिस्सा पीपाड़ का अधिकांश हिस्सा, लूणी का 13 और मंडोर की 7 पंचायतें भी इसमें शामिल होती हैं. ग्रामीण परिवेश ज्यादा होने के कारण यहां के मुख्य चुनावी मुद्दे पानी कनेक्शन, गांवों की कनेक्टिविटी के लिए सड़कों का जाल, शिक्षा स्कूल कॉलेज की ग्रामीण क्षेत्र में उपलब्धता इत्यादि है.

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क्या है जातीय समीकरण?

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जातीय समीकरण की बात करें तो इस क्षेत्र में यहां जाट और मेघवाल मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं. इनके बाद मुस्लिम, राजपूत, सीरवी, माली और विश्नोई समाज के मतदाता हैं. रावणा राजपूत, पटेल, ब्राह्मण, वैष्णव, मौची, वाल्मीकि, खटीक इत्यादि मतदाता भी इस सीट में हैं.

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कब किसने दर्ज की जीत

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इस सीट के इतिहास की बात करें तो 15 बार हुए चुनाव में यहां कांग्रेस ने 9 बार, भाजपा ने 3 बार और निर्दलीय ने 2 बार जीत हासिल की है. वहीं जनता पार्टी ने एक बार विजय पताका लहराई है.

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कब किसने दर्ज की जीत

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इस सीट के इतिहास की बात करें तो 15 बार हुए चुनाव में यहां कांग्रेस ने 9 बार, भाजपा ने 3 बार और निर्दलीय ने 2 बार जीत हासिल की है. वहीं जनता पार्टी ने एक बार विजय पताका लहराई है.

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  • 1951- संतोष सिंह – स्वतंत्र
  • 1957 – भैरो सिंह – कांग्रेस
  • 1962 – चंदर सिंह – स्वतंत्र
  • 1967 (एससी) कालूराम आर्य – कांग्रेस
  • 1972 (एससी) कालूराम आर्य – कांग्रेस
  • 1977 – रामनारायण डूडी – कांग्रेस
  • 1980 – रामनारायण डूडी – कांग्रेस
  • 1985 – राजेंद्र चौधरी – कांग्रेस
  • 1990 – मिश्रीलाल चौधरी – जनता दल
  • 1993 – राजेंद्र चौधरी – कांग्रेस
  • 1998- राजेंद्र चौधरी – कांग्रेस
  • 2003 – रामनारायण डूडी – भारतीय जनता पार्टी
  • 2008 – अर्जुन लाल – भारतीय जनता पार्टी
  • 2013 – अर्जुन लाल – भारतीय जनता पार्टी
  • 2018 – हीरा राम – कांग्रेस

ये नेता लड़ सकते हैं चुनाव

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2023 में संभावित उम्मीदवारों की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र से हीराराम मेघवाल, अर्जुनलाल गर्ग, गोपीचंद बोचवात, धुरेंद्र मेघवाल, विजेंद्र झाला, नरपत पन्नू, प्रकाश चौहान इत्यादि है.

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