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गाजा के अल-अहली अस्पताल पर मंगलवार को हुए हमले के बाद यह बहस शुरू हो गई है कि हमला आखिर किसने किया. इजराइल ने इसके लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, हमास का कहना है कि इजराइली सेना ने जाबूझकर अस्पताल को निशाना बनाया है. दुनियाभर में अस्पताल पर हुए हमले की आलोचना के बाद इजराइल ने हमले के सबूतों को सार्वजनिक किया है. सबूत के तौर पर इजराइल ने एक वीडियो जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि कैसे हमास के आतंकवादी अस्पताल के अंदर हथियार और गोला-बारूद लेकर गए. अमेरिका ने भी इजराइल के सबूतों पर अपनी मुहर लगाई है, लेकिन रूस ने पेंच फंसा दिया है. रूस ने मांग की है कि इजराइल इस मामले में सैटेलाइट इमेज मुहैया कराए. रूसी विदेश मंत्रालय का कहना है कि अगर इजराइल इस हमले में शामिल नहीं है तो उसे सैटेलाइट इमेज सामने लानी चाहिए. ऐसे में सवाल है कि आखिर क्या होती है सैटेलाइट इमेज, इससे कैसे हमले ही जानकारी मिलेगी और रूस अमेरिका और इजराइल से ये तस्वीरें क्यों मांग रहा है.
क्या होती है सैटेलाइट इमेज?
ये वो तस्वीरें होती हैं जो धरती की परिक्रमा करने वाले सैटेलाइट की मदद से ली जाती हैं. इनकी मदद से धरती के अलग-अलग हिस्से की तस्वीर ली जा सकती है. इन सैटेलाइट में ऐसे सेंसर लगे हैं जो धरती की हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीर लेने में सक्षम हैं. आमतौर पर इन तस्वीरों का इस्तेमाल जलवायु, भौगोलिक परिस्थितियां और इंसानों द्वारा बनाई गई संरचनाओं को देखने के लिए किया जाता है. सैटेलाइट इमेज दुनिया को समझने में मदद करती है. जैसे- इसकी मदद से यह जाना जा सकता है कि कहां कितने पेड़ कटे और कितने बढ़े. यह समुद्र के तापमान पर नजर रखती है. सैटेलाइट इमेज कई तरह की होती हैं- विजिबल इमेज, इंफ्रारेड इमेज और वाटर वेपर इमेज.
गाजा अस्पताल अटैक में कैसे मदद करेगी सैटेलाइट इमेज?
सैटेलाइट इमेज गाजा अटैक की पोल कैसे खोलेगी, इसे समझने के लिए पहले इजराइल के बयान को समझना पड़ेगा. इज़रायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल का कहना है कि जिससे गाजा के अस्पताल पर अटैक किया गया है वो इस्लामिक जिहाद रॉकेट था. अस्पताल पर कोई सीधा हमला नहीं हुआ. आसपास की इमारतों को कोई नुकसान नहीं हुआ है क्योंकि रॉकेट को अस्पताल से दागा गया था. इजराइल की सफाई के बाद रूस ने सैटेलाइट इमेज की डिमांड की है. सैटेलाइट इमेज घटनास्थल और आसपास की जगहों की जानकारी मिलेगी. लोकेशन के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी. फिर इजराइली सेना की तरफ से जारी किए गए फुटेज और बाद में मिलने वाली सैटेलाइट इमेज की तुलना और एनालिसिस की जाएगी. इससे साफ हो सकेगा कि हमला कैसे हुआ है. रॉकेट इजराइल की तरफ से आए थे या गाजा में अस्पताल के आसपास वाले हिस्से से छोड़े गए या मिसफायर हुए.
अमेरिका के पास है सुविधा
सैटेलाइट इमेज को उपलब्ध कराने की सुविधा अमेरिका के पास है, वो चाहे तो ये तस्वीरें जारी कर सकता है. रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा का कहना है, “हम इस तरह के घिनौने कृत्य को अपराध मानते हैं. कुछ लोगों ने खुद को ज़िम्मेदारी से मुक्त करने की भरपूर कोशिश की. इसके लिए सिर्फ मीडिया में टिप्पणी करना काफी नहीं है. इसलिए इज़राइल और संयुक्त राज्य अमेरिका को इमेज उपलब्ध करानी चाहिए.”