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जयपुर: राजस्थान में किसानों की कर्जमाफी योजना की नई हकीकत सामने आई है. खुद राज्य सरकार ने माना है कि राज्य के किसान बैंकों से लिया कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं. इसकी वजह से बीते चार साल में 19 हजार 422 किसानों की जमीनें कुर्क हुई हैं. इसमें भी सबसे ज्यादा कुर्की अलवर में हुई है, जबकि दूसरे स्थान पर राजधानी जयपुर है. राज्य सरकार ने यह खुलासा विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में किया है. इस खुलासे पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कांग्रेस और राज्य सरकार पर तंज कसा है.रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में कर्ज लेने और फिर चुका नहीं पाने वाले किसानों की फेहरिस्त काफी लंबी है. राज्य सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक इस सरकार के गठन के बाद बीते चार साल में कुर्ज नहीं चुकाने वाले कुल 19 हजार 422 किसानों की जमीन कुर्क हुई है. इसमें सर्वाधिक 4421 किसानों की कुर्की अलवर जिले में हुई है. वहीं दूसरे स्थान पर जयपुर जिला है. यहां 2945 किसानों की और तीसरे स्थान पर हनुमानगढ़ जिले में 1906 किसानों की कुर्की हुई है.
जानकारी के मुताबिक विधानसभा में बीजेपी विधायक नरपत सिंह राजवी ने किसानों की कर्जा माफी से संबंधित सवाल पूछा था. इसके जवाब में राजस्थान सरकार ने बताया है कि कर्ज नहीं चुकाने वाले सर्वाधिक किसानों की कुर्की अलवर जिले में हुई है. वहीं दूसरे नंबर पर जयपुर और तीसरे नंबर पर बड़ी कार्रवाई हनुमानगढ़ में हुई है. सरकार की ओर से दिए गए जवाब में बताया गया है कि केवल जैसलमेर, बांसवाड़ा और डूंगरपुरपु में कोई कुर्की नहीं हुई है.बता दें कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा अपने मेनिफेस्टो में शामिल किया था. खुद राहुल गांधी ने दावा किया था कि सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों के कर्ज माफ कर दिए जाएंगे. सरकार बनने के बाद सरकार ने कर्ज माफ तो किया, लेकिन यह कर्जमाफी केवल उन्हीं 20 लाख किसानों की हुई जिन्होंने ने सेवा सहकारी समिति से कर्ज लिया था. लेकिन जिन किसानों ने नेशनल दर्ज के बैंकों से कर्ज लिया था, उनका कर्जा जस का तस है. इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया था कि इस कर्जे को माफ करने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है.