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नवलगढ़ सीट पर अब तक नहीं खिल सका कमल, कांग्रेस का दबदबा बरकरार

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राजस्थान में चुनावी बिगुल बज चुका है और सभी दल अपने-अपने चुनावी अभियानों में लग गए हैं. प्रदेश का झुंझुनूं जिला राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता है और यहां की 7 विधानसभा सीटों में 6 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है तो महज एक सीट ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास है. नवलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. यह वह सीट है जहां पर बीजेपी को अब तक एक भी जीत नहीं मिली.

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कितने वोटर, कितनी आबादी

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2018 के चुनाव में नवलगढ़ विधानसभा सीट पर 15 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला रहा. लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय उम्मीदवार विक्रम सिंह जाखल के बीच रहा. कांग्रेस के डॉक्टर राजकुमार शर्मा को 79,570 वोट मिले तो बीजेपी के रवि सैनी को 43,070 वोट मिले. लेकिन निर्दलीय विक्रम सिंह के शानदार प्रदर्शन करने और 39,259 वोट हासिल कर लेने से जीत बीजेपी से छिटक गई और कांग्रेस ने बाजी मार ली. कांग्रेस के डॉक्टर राजकुमार शर्मा ने 36,500 (19.7%) मतों के अंतर से चुनाव में जीत हासिल की. तब के चुनाव में नवलगढ़ विधानसभा सीट पर कुल वोटर्स 2,50,507 थे जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,30,404 थी तो महिला वोटर्स की संख्या 1,20,103 थी. इसमें कुल 1,84,902 (74.4%) वोटर्स ने वोट डाले. जबकि NOTA के पक्ष में 1,475 (0.6%) वोट पड़े.

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कैसा रहा राजनीतिक इतिहास

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नवलगढ़ विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यहां पर अभी कांग्रेस का कब्जा है और इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का अब तक खाता तक नहीं खुला है. 1990 से लेकर अब तक के चुनाव में कांग्रेस को 3 बार तो निर्दलीय प्रत्याशी को भी 3 बार जीत मिली है जबकि एक जीत बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई.1990 से लेकर यह सीट भंवर सिंह शेखावत के नाम से जानी जाती है. भंवर सिंह ने 1972 और 1980 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में जीत हासिल की थी. लेकिन बाद में कांग्रेस से अलग हो गए. 1990 में भंवर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और विजयी रहे.फिर वह कांग्रेस में लौट आए और 1993 और 1998 का चुनाव पार्टी के टिकट पर जीता. 2003 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी प्रतिभा सिंह को जीत मिली. 2008 में बहुजन समाज पार्टी के डॉक्टर राजकुमार शर्मा ने जीत हासिल की थी. लेकिन 2013 के डॉक्टर राजकुमार शर्मा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता. लेकिन 2018 से पहले वह कांग्रेस में चले गए और जीत हासिल की. इस चुनाव में बीजेपी दूसरे स्थान पर रही थी. बीजेपी को अभी इस सीट पर अपना खाला खुलवाना है.

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