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देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार शाम बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी और सीएम भजन लाल शर्मा समेत अन्य बीजेपी शासित राज्यों के प्रदेशाध्यक्ष, मुख्यमंत्री और जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है, वहां के नेता प्रतिपक्ष मौजूद रहेंगे. इस दौरान लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची पर फाइनल मोहर लगाई जाएगी.
3-3 नामों के पैनल पर हुई चर्चा
इससे पहले बुधवार को प्रदेश बीजेपी कोर कमेटी की बैठक दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में हुई थी. इस मीटिंग में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, डॉ. प्रेमचंद बैरवा, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर और अन्य नेता मौजूद रहे थे. इस दौरान प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर तैयार किए गए 3-3 नामों के पैनल पर चर्चा हुई. इसके बाद 1 से 2 नामों के पैनल तैयार किए गए, जिन पर सीईसी को निर्णय करना है.
इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर सहमति
ऐसा माना जा रहा है कि कोर कमेटी की बैठक में राजस्थान की 7 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के सिंगल नामों पर सहमति बन गई है. जबकि 5 से 7 सीटों पर 2-2 नामों के पैनल तैयार हुए हैं. जिन्हें आज केंद्रीय चुनाव समिति यानी सीईसी की बैठक में रखा जाएगा. इसके बाद पहली घोषित होने वाली उम्मीदवारों की लिस्ट में राजस्थान की इन सीटों पर भी प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं. बैठक में झालावाड़ा-बारां, कोटा-बूंदी, जोधपुर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा और चूरू सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर सहमति बन चुकी है. माना जा रहा है कि बीजेपी इन सीटों पर पहली ही लिस्ट में अपने लोकसभा चुनाव उम्मीदवार घोषित कर सकती है.
100 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान संभव
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी पहले चरण में देशभर में लगभग 100 प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है. सीईसी की बैठक के बाद कभी भी बीजेपी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी हो सकती है. पिछले विधानसभा चुनाव की तरह पार्टी ने राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों को भी ‘ए’ और ‘बी’ कैटेगरी में बांटा है. ‘ए’ कैटेगरी में ऐसी सीटें शामिल हैं, जो सुरक्षित और जिताऊ मानी जा रही हैं. इनमें कोटा-बूंदी, झालावाड़-बारां, जोधपुर, जालोर, पाली, बीकानेर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अजमेर, उदयपुर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़, सीकर, झुंझुनूं, चूरू और राजसमंद सीटें आती हैं. जबकि ‘बी’ कैटेगरी में दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर, टोंक-सवाई माधोपुर, बाड़मेर, नागौर और अलवर लोकसभा सीटों को शामिल किया गया है.
15 सीटों पर चेहरा बदलने की कवायद
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने नागौर सीट को आरएलपी के हनुमान बेनीवाल से गठबंधन कर जीता था. इस बार गठबंधन न होने के कारण बीजेपी सभी 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी. इसके लिए नागौर समेत करीब 15 सीटों पर चेहरे बदलने की कवायद चल रही है. इनमें से 6 सीटें वह हैं, जिनके लोकसभा सांसदों को बीजेपी ने विधानसभा चुनाव लड़ाया था. इनमें राजसमंद सांसद रहीं दीया कुमारी, जयपुर ग्रामीण सांसद रहे कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और अलवर सांसद रहे बाबा बालकनाथ विधायक बन चुके हैं. इसलिए राजसमंद, जयपुर ग्रामीण और अलवर लोकसभा सीट पर नए उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे. इनके अलावा 3 सीटों के सांसद विधानसभा चुनाव हार गए थे. इसलिए उन सीटों पर भी उम्मीदवार बदलने की भी पूरी संभावना बन रही है. इनमें जालोर-सिरोही से देवजी पटेल, अजमेर से भागीरथ चौधरी और झुंझुनूं से नरेंद्र कुमार खींचड़ हैं, जिनको टिकट मिलने पर संशय है.
नागौर में हो सकता है चौंकाने वाला चेहरा
इन सीटों के अलावा जयपुर शहर से रामचरण बोहरा, टोंक- सवाई माधोपुर से सुखबीर सिंह जौनापुरिया, दौसा से जसकौर मीना, करौली-धौलपुर से मनोज राजोरिया, उदयपुर से अर्जुनलाल मीना, डूंगरपुर-बांसवाड़ा से कनकमल कटारा, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ से निहालचंद मेघवाल और भीलवाड़ा लोकसभा सीट से सुभाष चंद्र बहेड़िया की जगह भी पार्टी नए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में खड़ा कर सकती है. जबकि नागौर में भी नया चौंकाने वाला चेहरा खड़ा किया जाएगा.