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मूल्य संवर्धन , प्रसंस्करण एवं विपणन से ही किसान की आमदनी बढ़ेगी -डॉ हनुमान प्रसाद
चिड़ावा। रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान में आयोजित कृषि आदान वितरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोलते हुए डॉक्टर हनुमान प्रसाद पूर्व डायरेक्टर केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर ने कहा कि किसान को यदि खेती से आमदनी अर्जित करनी है तो उसे परंपरागत खेती के साथ-साथ समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाना होगा। जिसके तहत बागवानी पशुपालन एवं परंपरागत खेती का अनुपातिक मिश्रण रखना होगा। साथ ही कृषि विभाग की विभिन्न योजनाएं हैं जिन पर कि विभाग द्वारा सब्सिडी दी जा रही है उनका उपयोग ज्यादा से ज्यादा किसान करें। उसने कहा की खेती में तीन महत्वपूर्ण चीजें हैं जिनका किसान को रखना होगा। उत्तम किस्म का बीज, समय की बिजाई एवं नवीन तकनीकों का इस्तेमाल।

यदि इनको सही तरीके से काम में लिया गया तो किसान की आमदनी निश्चित ही बढ़ेगी एवं उसकी लागत में भी कमी आएगी। साथ ही कहा कि वे देसी खाद का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें तथा अपने उत्पाद का प्रसंस्करण एवं विपणन सही तरीके से करें। कार्यक्रम में संस्थान के सलाहकार निरंजन सिंह ने कहा कि खेती को फायदे का सौदा तभी बनाया जा सकता है जब किसान खेती रूचि लेते हुए करें तथा उसमें कैसे लागत कम की जा सकती है कैसे कम पानी में अधिक उत्पादन लिया जा सकता है इस पर ध्यान दें। भू जल धीरे-धीरे कम होता जा रहा है और पर्यावरण में जो परिवर्तन आ रहे हैं उसका प्रभाव सीधे-सीधे खेती पर पड़ रहा है इसलिए यह समय की मांग है कि हम उन फसलों की तरफ जाएं जहां कम पानी लगता है और जो कम समय में तैयार होती है। कार्यक्रम में संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेंद्र पालीवाल ने बताया कि संस्थान विगत 18 वर्षों से पानी एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है इसी क्रम में आज बीज वितरण कृषि आदान वितरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 4 गांवों गिडानिया , भूकाना , नारनौंद एवं मेहरामपुर के 692 किसानों को उन्नत किस्म के बीज वितरित किए गए. प्रत्येक किसान को 0.4 हेक्टेयर हेतु बीज दिए गए हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के समन्वयक संजय शर्मा ,कृषि समन्वयक राकेश मेहला ने भी प्रशिक्षण दिया एवं इस अवसर पर मनोज चाहर, अजय बलौदा रवीन भेड़ा ,सूरजभान रायला, बलवान सिंह, अनिल सैनी एवं अनिल शर्मा उपस्थित रहे।
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