Report Times
latestOtherकरियरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजनीतिराजस्थानविधानसभा चुनावस्पेशल

जैतारण सीट पर BJP का दबदबा, 33 सालों में कांग्रेस को एक बार मिली जीत

REPORT TIMES 

Advertisement

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है. 25 नवंबर को यहां पर वोटिंग कराई जाएगी. यहां का पाली जिला मारवाड़ क्षेत्र में पड़ता है और यह बांदी नदी के तट पर स्थित है. इसे “औद्योगिक शहर” के रूप में भी जाना जाता है. जिले के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें 5 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है तो एक सीट निर्दलीय के खाते में गई. प्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस को यहां पर खाता तक नहीं खुला. पाली जिले की जैतारण सीट पर बीजेपी का कब्जा है. कांग्रेस ने अभी यहां पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है जबकि बीजेपी ने अविनाश गहलोत को उम्मीदवार बनाया है.

Advertisement

Advertisement

कितने वोटर, कितनी आबादी

Advertisement

2018 के विधानसभा चुनाव में जैतारण सीट के चुनावी परिणाम की बात करें तो यहां पर 20 उम्मीदवार मैदान में थे जिसमें बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही कड़ा मुकाबला रहा. बीजेपी के अविनाश गहलोत ने 65,607 वोट हासिल किए तो कांग्रेस दिलीप चौधरी के खाते में 53,419 वोट गए. यहां पर 3 निर्दलीय उम्मीदवारों ने कड़ी चुनौती पेश की जिससे कांग्रेस से यह जीत दूर चली गई. बीजेपी के अविनाश गहलोत ने 12,188 (6.3%) मतों के अंतर से जीत हासिल की. 2018 के चुनाव में यहां पर कुल वोटर्स की संख्या 2,69,987 थी जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,40,256 थी तो महिला वोटर्स की संख्या 1,29,725 थी. इनमें से कुल 1,94,464 (72.3%) वोटर्स ने वोट डाले. चुनाव में NOTA के पक्ष में महज 809 (0.3%) वोट पड़े.

Advertisement

कैसा रहा राजनीतिक इतिहास

Advertisement

जैतारण सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यहां पर सुरेंद्र गोयल का खासा दबदबा रहा है. बीजेपी के सुरेंद्र गोयल ने 1980 और 1985 में हार के बाद 1990 में पहली बार चुनाव में जीत हासिल की. गोयल ने 1990, 1993 और 1998 में लगातार चुनाव में जीत हासिल कर हैट्रिक लगाई. 2003 में भी सुरेंद्र गोयल विजयी हुए.

Advertisement
बीजेपी के कद्दावर नेता और मंत्री रहे सुरेंद्र गोयल लगातार 5वीं जीत से चूक गए और उन्हें 2008 के चुनाव में दिलीप चौधरी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 5 साल बाद सुरेंद्र गोयल फिर से मैदान में लौटे और दिलीप चौधरी को 2013 के चुनाव में मात दी. हालांकि 2018 में बीजेपी की ओर से सुरेंद्र गोयल का टिकट काट दिया गया और उनकी जगह अविनाश गहलोत मैदान में आए. अविनाश ने दिलीप चौधरी को हराकर यह सीट बीजेपी के लिए सुरक्षित बनाए रखी. टिकट कटने से जलदाय मंत्री सुरेंद्र गोयल नाराज हो गए और पार्टी छोड़ दिया.
Advertisement

Related posts

राजस्थान: आर-पार की लड़ाई के मूड में बेरोजगार, उपेन बोले- मांग पूरी होने तक नहीं खाऊंगा अन्न

Report Times

सनातन आश्रम विकास समिति की बैठक आयोजित: प्रवासी उद्योगपति कस्तूरचंद गुप्ता (फतेहपुरिया)को बनाया सनातन आश्रम का संरक्षक

Report Times

पाकिस्तान में खेला जाएगा एशिया कप, BCCI हाइब्रिड मॉडल पर राजी!

Report Times

Leave a Comment